पं. सुरेश शास्त्री ने बताया कि सोमवार को त्रयोदशी तिथि रात 3.15 बजे तक है। इसके बाद चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होगी जो मंगलवार रात एक बजे तक रहेगी। इस लिए महाशिवरात्रि का पर्व शिव की तिथि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी धनिष्ठा नक्षत्र में कुमार योग, परिघ योग, सिद्धि योग व शिव के साथ गजकेसरी योग में मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्योदय कालीन परिघ योग सुबह 11.18 बजे तक रहेगा। इसके बाद शिव योग प्रारंभ होगा। वहीं शाम 4. 31 के बाद गजकेसरी महायोग भी बन रहा है जो महाशिवरात्रि को खास बना रहा हैं। ये योग करीब 11 साल बाद बन रहा है। इस योग में की गई पूजा का साधक को कई गुणा अधिक फल मिलेगा। इस दिन भोलेनाथ का अभिषेक करने से कालसर्प योग के दोष का प्रभाव कम होगा।
चार प्रहर की पूजा मुहूर्त :
यदि शिवरात्रि को चार प्रहर में चार बार पूजा करें तो इसका विशेष फल मिलता है। मंगलवार की रात्रि में निशीथ काल में 50 मिनट तक सर्वश्रेष्ठ शुभ समय है। निशीथ काल की पूजा रात्रि 12.14 से लेकर एक बजकर चार मिनट तक है।
प्रथम प्रहर-शाम 6.24 से रात्रि 9.29 बजे तक
द्वितीय प्रहर रात्रि 9.29 से 12.35 बजे तक
तृतीय प्रहर- 12.35 से 3.37 बजे तक
चतुर्थ प्रहर -3.37 से सुबह 6.54 बजे तक