रोजगार की तलाश में उमैसा के पति ट्रेन से जयपुर से मुंबई गए थे। एक बार तो यकीन ही नहीं हुआ, उन्होंने पूछा, असगर तो ट्रेन से मुंबई गए थे, तो गोली लगी कैसे? काॅल करने वाला रेलवे कर्मचारी एक बार तो जवाब देने में झिझक गया। किसी तरह बिहार के मधुबनी जिले निवासी असगर अली को ट्रेन में गोली लगने की सूचना पत्नी को दी। उमैसा की आंखों से आंसू निकल पड़े। बच्चों ने पूछा क्या हुआ, लेकिन मानों आवाज निकलना ही बंद हो गई। उमैसा के कंधे पर चार बेटियों और एक बेटे के लालन-पालन की जिम्मेदारी है।
रोजगार की तलाश में मुंबई से आए थे जयपुर
पति की मौत में बेसुध पत्नी उमैसा ने बताया कि कोरोना से पहले उनके पति मुंबई की मस्जिद में काम करते थे। उसके बाद वह काम काज छोड़कर गांव चले गए थे। रोजगार तलाश में वह मई 2022 में जयपुर आ गए। भट्टा बस्ती स्थित मदीना होटल के पास एक साल से किराये पर मकान में रह रहे थे। उमैसा बताती हैं कि असगर को एक साल तक रोजगार नहीं मिल पाया। इस दौरान बेटी आमना, अमीना, साबरा खातून,सोफिया, और अब्दुल रहमान के साथ रहते थे। रोजगार नहीं मिलने के कारण असगर मजदूरी कर परिवार को पाल-पोस रहे थे। इस दौरान उन्हें पता चला कि मुंबई में मस्जिद में जगह खाली है।
पत्नी बोली- रोजगार की तलाश में सब गंवा दिया
असगर ने मुंबई स्थित मस्जिद में कॉल किया था और ट्रेन से जाना 30 जुलाई को तय हुआ। असगर ने कोच नंबर एस-6 में सीट नंबर 34 बुक करवाई थी। बताया जा रहा है कि सोमवार सुबह वह घूमते हुए बी-5 कोच चले गए थे। जहां आरपीएफ जवान ने फायरिंग कर दी। असगर के भाई अश्फाक ने बताया कि रेलवे अधिकारियों से बात हुई उनका शव मुंबई से मंगलवार तक परिजन के पास आएगा। उमैसा कहती हैं रोजगार की तलाश में हमने सब गंवा दिया।