वहीं, प्लांट शुरू होने के बाद जिंदल ग्रुप की ओर से हैरिटेज निगम को प्रति टन के 66 रुपए दिए जाएंगे। ऐसे में महीने भर का हैरिटेज निगम को करीब 20 लाख रुपए का राजस्व भी मिलेगा। प्लांट संचालन के लिए प्रतिदिन निगम को एक हजार टन कचरा रोज देना होगा।
प्लांट का संचालन शुरू होने के साथ निगम को रॉयल्टी भी मिलेगी। 20 लाख रुपए प्रति माह का राजस्व निगम को कचरा बेचने से मिलेगा। इसी महीने कम्पनी ट्रायल करेगी और इस वित्तीय वर्ष में इसे शुरू कर दिया जाएगा। -अरुण कुमार हसीजा, आयुक्त, हैरिटेज निगम
यह मिलेगा फायदा
इस एमओयू से राजधानी
जयपुर में बन रहे कचरे के पहाड़ खत्म होने की उम्मीद है। राजधानी के लांगड़ियावास, मथुरादासपुरा और सेवापुरा में कचरे के पहाड़ बनते जा रहे हैं। कचरे से बिजली बनने की प्रक्रिया शुरू होने पर पहाड़ खत्म होने की उम्मीद है।
इधर, विवाद शुरू
कार्यवाहक महापौर कुसुम यादव ने कहा कि मेरे पास कोई फाइल नहीं आई है। जो एमओयू हुआ है, वो मेरे संज्ञान में नहीं है। वहीं, आयुक्त का कहना है कि इस मामले को लेकर महापौर से फोन पर बातचीत हुई थी।