रात नौ बजे तक जयपुर करीब 150 मिलीमीटर यानी छह इंच बारिश दर्ज हुई। अचानक भारी बारिश से शहर अस्त-व्यस्त हो गया। जयपुर की सड़कें लबालब हो गई। आलम यह था कि वाहन बहने लग गए। परकोटा में दुकानेां के अंदर पानी भर गया। जयपुर की सड़कों पर रात 10 बजे तक जाम के हालात रहे।
इधर, मौसम केन्द्र की मानें तो गुरुवार को भी भरतपुर, जयपुर, अजमेर व कोटा संभाग के कुछ भागों में भारी व कहीं अति
भारी बारिश होने की प्रबल संभावना है। पूर्वी
राजस्थान में 17 अगस्त के बाद बारिश की गतिविधियों में कमी आने की संभावना है। इसीप्रकार पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर व जोधपुर संभाग में आगामी 3-4 दिन कुछ भागों में तेज मेघगर्जन, आकाशीय बिजली के साथ मध्यम से कहीं-कहीं भारी बारिश होने की प्रबल संभावना है।
5 साल बाद फिर चली मोरेल बांध पर 6 इंच की चादर
दौसा के लालसोट एशिया का सबसे बड़ा कच्चा डेम मोरेल बांध पांच साल बाद एक बार फिर छलक पड़ा। बांध पर चादर चलने से लालसोट उपखण्ड के साथ सवाईमाधोपुर जिले की बौंली, बामनवास, मलारना डूंगर समेत कई तहसीलों के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता चेतराम मीना ने बताया कि बुधवार सुबह करीब 10 बजे मोरेल बांध का जलस्तर अपने पूर्ण भराव पर 30 फीट 5 इंच तक पहुंचा और 10.30 बजे से चादर चलने लगी। दोपहर में ही चादर की मोटाई 6 इंच तक पहुंची गई।