मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव की एकलपीठ ने शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान आरटीआई एक्टिविस्ट अशोक पाठक को तीन सप्ताह में इंटरविनर बनने को कहा है। साथ ही अगले तीन सप्ताह में राज्य सरकार और 3 अधिकारियों को भी जवाब पेश करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट से रैफर होकर आई याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया गया है। अब जनवरी के अंतिम सप्ताह में इस मामले की फाइनल सुनवाई होगी।
क्यों हुई हाईकोर्ट में सुनवाई?
बता दें कि पट्टा प्रकरण में पूर्व मंत्री शांति धारीवाल व जेडीएम के अन्य तीन अधिकारियों पर लगे आरोपों को लेकर भजनलाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना स्टैंड बदल दिया था। शपथ पत्र में करीब 6 महीने पहले सरकार ने सभी को क्लीन चिट दी थी, लेकिन पिछले महीने नया शपथ पत्र पेश कर कहा है कि सभी के खिलाफ मामला बनता है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को मामले की दोबारा सुनवाई करने के निर्देश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हाईकोर्ट 6 महीने में मामले की दोबारा सुनवाई करें और अपना फैसला दें। ये है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि 29 जून 2011 को जेडीए ने गणपति कंस्ट्रक्शन के शैलेंद्र गर्ग के नाम एकल पट्टा जारी किया था। इसकी 2013 में रामशरण सिंह ने एसीबी को शिकायत की थी। इसके बाद पट्टा निरस्त हो गया था। लेकिन, तत्कालीन एसीएस जीएस संधू, आरएएस अधिकारी निष्काम दिवाकर, जौन उपायुक्त ओंकारमल सैनी व अन्य की गिरफ्तारी हुई थी। एसीबी ने धारीवाल से भी पूछताछ की थी।