डीसीपी वेस्ट अमित कुमार ने बताया कि तीनों किशोरियों के पड़ोस में रहने वाली नाबालिग सहेली को इस मामले में निरुद्ध किया है। उत्तर प्रदेश के जालौन स्थित सिद्धपुरा निवासी आलोक कुमार राजावत (23) व मध्यप्रदेश के विदिशा निवासी चंचल सोनी (34) को गिरफ्तार किया। पूछताछ में निरुद्ध किशोरी ने बताया कि चार-पांच माह पहले ग्वालियर में आलोक कुमार से मिली थी, तब उससे दोस्ती हो गई। बाद में इंस्टाग्राम पर सम्पर्क में बने रहे। आलोक विदिशा निवासी चंचल सोनी को वेश्यावृत्ति के लिए लड़कियां सप्लाई करता है। कुछ दिनों से लड़कियों की व्यवस्था नहीं होने पर आलोक ने यह काम उसे सौंपा था।
घुमाने, मोबाइल गिफ्ट देने का झांसा
डीसीपी ने बताया कि निरुद्ध नाबालिग ने पड़ोस में रहने वाली तीनों किशोरियों को परिजन को बिना बताए अजमेर व भोपाल में घुमाने का झांसा दिया। तीनों को मोबाइल दिलाने का लालच भी दिया। फिर 25 अगस्त को अजमेर ले गई। वहां पर तीनों को भोपाल जाने वाली ट्रेन का टिकट दे दिया और खुद तीन चार दिन में भोपाल पहुंचने की कहकर जयपुर लौट आई। तीनों किशोरी भोपाल जाने वाली ट्रेन के इंतजार में जंक्शन पर घूम रही थी, तभी महिला कांस्टेबल पिंकी व हंसा ने उनको टोका। उसी समय आलोक का नाबालिग किशोरियों के पास फोन आया, तब उसने कांस्टेबल को तीनों को भोपाल जाने वाली ट्रेन में बैठाने के लिए कहा। लेकिन पूछताछ में नाबालिग किशोरियों ने परिजन को बिना बताए घर से निकलने की जानकारी दी। यह भी बताया कि आलोक
जयपुर लौट गई नाबालिग दीदी का दोस्त है।
जमानत करवाने आया फिर हुआ गिरफ्तार
सदर थानाधिकारी बलवीर सिंह कस्वां ने बताया कि आरोपी आलोक को तीन सितंबर को मध्यप्रदेश से पकड़ा और जयपुर लाकर अनुसंधान के बाद उसे गिरफ्तार किया। आरोपी चंचल गिरफ्तार आलोक की जमानत करवाने के लिए शुक्रवार को जयपुर पहुंचा था, उसे रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में चंचल ने बताया कि विदिशा में एक फ्लैट किराए से ले रखा है, वहां पर दो लड़कियां रखता है। फ्लैट पर और होटल में भेजकर लड़कियों से वेश्यावृत्ति करवाता है।