दस्तावेज काफी ज्यादा है, अनुवाद में समय लगेगा
सुप्रीम कोर्ट ने बम धमाकों से संबंधित मामले में हाईकोर्ट से रिकॉर्ड मंगवाया है, लेकिन मार्च में हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को लिखा कि रिकॉर्ड काफी ज्यादा है और हिंदी में है, इस कारण अनुवाद में समय लगेगा। जयपुर बम धमाकों के मामले में त्वरित सुनवाई के लिए बनाया गया विशेष न्यायालय सप्ताह में दो दिन सोमवार और मंगलवार को ही इस मामले की सुनवाई करता है, शेष दिन इस न्यायालय में दूसरे मामलों पर सुनवाई होती है। इसकी वजह से जिंदा बम मामले में अब तक 130 में से करीब 100 लोगों की गवाही पूरी हो पाई है। कमोबेश यही हाल उस किशोर न्यायालय का है, जहां सप्ताह में चार दिन इस मामले पर सुनवाई होती है।ऐसे चला घटनाक्रम
13 मई 2008- 8 बम फटे, 71 लोगों की मौत, 181 घायलदिसम्बर 2019- विशेष न्यायालय से मौहम्मद सैफ, सैफुर व मोहम्मद सरवर आजमी तथा एक नाबालिग को सजा। शाहबाज हुसैन बरी।
29 मार्च 2023- हाईकोर्ट ने जांच में खामियां गिनाते हुए सभी को दोषमुक्त कर दिया।
12 मई 23- सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट आदेश पर रोक से इनकार कर दिया और इस मामले में आरोपी बताए गए सभी लोगों को एसओजी थाने में रोजाना हाजिरी देने का आदेश दिया।