गांधी नगर मोड़, गणेश मंदिर चौराहा, आरबीआइ तिराहा और पीवीसी कर्नल होशियार सिंह मार्ग (क्वींस रोड) पर काम शुरू हो चुका है। जो रिपोर्ट तैयार की गई हैं, उनमें फ्री लेफ्ट का भी सुझाव दिया गया है। हालांकि, कुछ जंक्शन पर जगह नहीं है। वहीं, कुछ जंक्शन पर अतिक्रमण है। ऐसे में जेडीए यातायात पुलिस को साथ लेकर योजनाओं को धरातल पर उतारेगा।
इन जंक्शन पर होगा काम
नारायण सिंह सर्कल, रामबाग सर्कल, त्रिमूर्ति सर्कल, एसएल क्रॉसिंग, मानसरोवर मेट्रो जंक्शन, विवेक विहार, ओटीएस सर्कल, रिद्धि-सिद्धि सर्कल गंगा-जमुना
ये होंगे काम
-सड़क की चौड़ाई को पहले से बेहतर किया जाएगा ताकि वाहनों की आवाजाही सुगम हो सके।
-कई जगह ट्रैफिक सिग्नल लगाए जा रहे हैं तो कुछ जगह समय में भी बदलाव किया जा रहा है। -राहगीरों के लिए क्रॉस वॉक का भी प्रावधान किया गया है। ये होगा फायदा
- जंक्शन इम्प्रूवमेंट होने से ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा। इससे न सिर्फ समय की बचत होगी बल्कि ईंधन की खपत भी कम होगी।
- राहगीरों को सुरक्षित राह मिलेगी। अभी कई जगह फुटपाथ बुरे हाल में हैं। ऐसे में पैदल चलने वालों को दिक्कत होती है।
पेट्रोल पम्प, पीतल फैक्ट्री, वीटी रोड चौराहा, विजय एव क्रॉसिंग झाड़खंड मोड़, पुरानी चुंगी, बालाजी मोड़, गवर्नमेंट प्रेस, चौमूं सर्कल, बी टू बाइपास (न्यू सांगानेर रोड), गुरुद्वारा मोड़ (आगरा रोड) रेलवे स्टेशन जंक्शन, अलका थिएटर जंक्शन, रामगढ़ मोड़, थाना मोड़ (चौमू), अग्रवाल फॉर्म टी-पॉइंट, सेंट्रल स्पाइन रोड जंक्शन, कलक्ट्रेट सर्कल, द्वारकादास पार्क जंक्शन, गलता गेट, हल्दी घाटी मार्ग, इंदिरा गांधी सर्कल, खातीपुरा तिराहा, विजय द्वार तिराहा और चौमू हाउस बस स्टैंड जंक्शन व अन्य।
पार्किंग के लिए जगह नहीं
मुख्य सड़कों पर व्यावसायिक इमारतें तो बन गई, लेकिन पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। इस वजह से वाहन चालक कार सड़क पर खड़ी करते हैं। यही वजह है कि पीवीसी कर्नल होशियार सिंह मार्ग गांधी पथ चित्रकूट मार्ग, मालवीय नगर, मानसरोवर के मध्यम मार्ग खातीपुरा रोड, गोविंद मार्ग पर एक जैसा नजारा पीक आवर्स में देखने को मिलता है। अब तक जिन चौराहों और तिराहों की रिपोर्ट तैयार की गई है, उसमें जंक्शन पर वाहन कम से कम रुके इसका सुझाव दिया गया है। साथ ही जंक्शन से 100 मीटर दूर बसों और टैक्सी को रोकने को भी कहा गया है। रिपोर्ट ट्रैफिक मूवमेंट के आधार पर बनाई जाती है। सड़क की चौड़ाई के हिसाब से डिवाइडर और पैदल यात्रियों की सुविधाओं को विकसित किया गया है।- अनिरुद्ध माथुर, रोड सेफ्टी, एक्सपर्ट