चार दिवसीय कार्यक्रम के दौरान आदिगुरु शंकराचार्य, स्वामी करपात्री, स्वामी निरंजन देव तीर्थ, स्वामी कृष्णबोधाश्रम, स्वामी सदानंद सरस्वती वेदांती सहित अन्य ब्रह्मलीन संतों के जीवन दर्शन पर विस्तृत चर्चा भी की गई। अंत में देश 2047 में किस स्वरूप में हो इस पर भी बौद्धिक सभा में मंथन हुआ। अनुष्ठान के लिए एक हजार किलो कुमकुम मद्रास, दिल्ली से 51 किलो कपूर सहित अन्य सामग्रियां देश के अलग—अलग राज्यों से मंगवाई गई थी।
इन्होंने दिया संबोधन
युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह ने बताया कि पूर्णाहुति समारोह के सत्र का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, भाजपा की राष्ट्रीय सचिव विजया रहाटकर, महावीर प्रसाद, अनुराग जयपुरिया, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रताप राव, अनुराग जयपुरिया सहित अन्य लोग मौजूद रहे। स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा कि ऐसी शक्ति मिलें ताकि हम आदिगुरु शंकराचार्य के सपनों का भारत बना सकें। सीपी जोशी ने कहा की हमारा देश आगे बढ़ रहा है इसके पीछे सनातन की शक्ति है। पहले हमारे देश में कोई अतिथि आता था तो उसे ताजमहल दिया जाता था परन्तु अब प्रभु राम की मूर्ति दी जाती है। विजया रहाटकर ने कहा कि हर गांव में वेद पाठशाला होने चाहिए। रोहित कुमार सिंह ने कहा की युवा पीढ़ी को समर्थ भारत बनाने के महायज्ञ में अधिक श्रमदान करना है। भारत की परंपरा उद्धार है जिसके पीछे सनातन की शक्ति है। घासीराम जाट ने बताया कि अंत में प्रसादी हुई। कुश शर्मा, नीतिन शर्मा, लोहित सिंह चौहान,श्रवण बगड़ी, नरेंद्र कटारा उपस्थित रहे।