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150 टुकड़ों में दिल्ली ले जाकर असेंबल कियाव्यास ने कहा कि इस मूर्ति को जंगरोधक बनाया है। इसमें 90% तांबे और 10% टीन का इस्तेमाल किया है। ताकि वर्षों तक इस स्टेच्यू को नुकसान न हो। मूर्ति बनाने के बाद इसे 150 टुकड़ों में दिल्ली ले जाकर असेंबल किया गया। संसद भवन के लोकार्पण को लेकर लक्ष्मण व्यास ने कहा कि उनके लिए यह गर्व की बात है कि वह इसके निर्माण कार्य का हिस्सा रहे हैं। यह उनके जीवन का सबसे बड़ा काम था, जो उन्होंने सफलतापूर्वक पूरा किया।
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यह खासियत अशोक स्तंभ कीव्यास के मुताबिक अशोक स्तंभ की ऊंचाई करीब 21 फीट है। इसका डायमीटर 38 फीट चौड़ा है। इटालियन लॉस्ट वैक्स पद्धति से इसे तैयार किया। इसमें डिजाइन के साथ कोई बदलाव की गुंजाइश नहीं रहती। मॉडल में वैक्स को उपयोग में लाकर भट्टी में तपाया जाता है। वैक्स पिघलने के बाद वजन 9 टन 620 किलो का है। व्यास के मुताबिक शिल्पकार गौतम व्यास ने भी इसे बनाने में भूमिका निभाई।