-सरकार का दावा है कि 2047 तक भारत विकसित देश होगा। आपका क्या आकलन है?
मौजूदा विकास दर को अगले 23 साल तक बरकरार नहीं रखा जा सकता। बरकरार रखने पर भी भारत विकसित देश नहीं बन पाएगा। 2025 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के भी दावे किए जा रहे हैं लेकिन इसका कोई रोडमैप नहीं है।
-आपके हिसाब से भारत को विकसित बनाने का रोडमैप क्या है?
हमारी नई किताब ‘ब्रेकिंग द मोल्डः रीइमेजिनिंग द इकोनॉमिक फ्यूचर’ में इसकी चर्चा है। एजुकेशन और हेल्थ केयर में सुधार से हम आगे बढ़ेंगे। अभी सरकारी स्कूल के 10वीं के बच्चे तीसरी कक्षा के गुणा-भाग नहीं कर पाते। वे बेरोजगार रहते हैं। बिना रोजगार के यह देश विकसित कैसे होगा ?
-लेकिन सरकार का दावा है कि एजुकेशन और हेल्थ केयर की बुनियाद सुधर रही है ?
बड़ी-बड़ी इमारतें बनाने से कुछ नहीं होगा। जब तक कि उन इमारतों से नौकरियां सृजित नहीं होतीं। हमें सरकारी स्कूलों से निकले बच्चों को इतना तैयार करना होगा कि वो नौकरी करने लायक बनें।
-हाल ही एक डायलॉग मशहूर हुआ- लग्जरी कार पर 7 फीसदी का ब्याज लेकिन ट्रैक्टर पर 12फीसदी, क्या इशारा इसी तरफ है ?
हां, इस वक्त देश में दो भारत रहते हैं। एक भारत ऐसा है जो चीन से तेज तरक्की कर रहा है। लेकिन दूसरा अब भी दो वक्त की रोटी के लिए सरकार के फ्री पैकेट पर आश्रित है।
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-ऐसी बातें कई राजनेता भी करते हैं। क्या आप राजनीति में आने वाले हैं ?
मैंने हाल ही में रेवंत रेड्डी से बात की, तमिलनाडु सरकार में सलाहकार हूं। उद्धव ठाकरे व अन्य नेता भी मुझसे बात करते हैं। अगर बीजेपी के नेता मुझसे बात करना चाहेंगे तो मैं जरूर करूंगा। मुझे अपने देश को आगे बढ़ाना है। मेरा किसी पार्टी से दूरी या लगाव नहीं।
-आप राज्यों में हो रही ईडी की कार्रवाई को कैसे देखते हैं ?
इलेक्शन के ठीक पहले नेताओं के पीछे ईडी को लगाना ठीक नहीं है। ऐसा करने से चुनाव में विकल्प खत्म हो जाते हैं। यह मामला सिर्फ राज्य से जुड़ा हुआ नहीं है। यह सबके लिए अहम है।