किशोर सिंह का कसूर सिर्फ यह था कि उसने आवासीय कॉलोनियों से बजरी का परिवहन रोकने का प्रयास किया था। व्यक्ति की हत्या का मामला सीसीटीवी को देखने पर उजागर हुआ। प्रारंभिक तौर पर मामला हादसा लग रहा था, लेकिन घटना के समय के सीसीटीवी फुटेज देखने पर चौंकाने वाला दृश्य नजर आया। हादसे के बाद डंपर चालक डंपर को मौके पर छोड़कर भाग छूटा।
बजरी माफियाओं के खूनी खेल का यह मामला पहला नहीं है। प्रदेश में इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। एक नजर कुछ बड़े मामलाें पर-
बजरी माफिया ने कांस्टेबल काे मारी गोली
अप्रेल में धौलपुर जिले में मोरोली मोड़ पर बजरी माफिया ने रोकने पुलिस दल पर ही गोली चला दी, जिससे एक कांस्टेबल घायल हो गया। जवान के घायल होने पर पुलिस ने भी जवाबी फायर किया। पुलिस की गोली ट्रैक्टर के पिछले पहिए में लगी। बजरी माफिया ट्रैक्टर को वहां से भगा ले गए।
एसपी की गाड़ी पर पथराव कर फायरिंग
पुलिस कांस्टेबल काे गाेली मारी जाने से कुछ दिन पहले अप्रेल में ही बेखौफ बजरी माफियाओं ने पुलिस अधीक्षक की गाड़ी पर पथराव कर दिया और बाद में फायरिंग कर दी। हमले में पुलिस अधीक्षक अजय सिंह बाल-बाल बच गए, लेकिन उनकी गाड़ी का एक तरफ का शीशा टूट गया।
हत्यारा बजरी माफिया देख लेने की धमकी देकर गया था, 15 मिनट बाद आया ताे ट्रक से कुचलकर मार डाला
बाद में पुलिस ने घेराबंदी कर दो बजरी माफियाओं को घेरकर पकड़ लिया। इससे पहले दिसंबर 2018 में बजरी माफियाओं ने भरतपुर जिले में एक पुलिसकर्मी के अपहरण का प्रयास तक किया। बाद में पुलिस व खनन विभाग की टीम ने पीछा कर पुलिसकर्मी को छुड़ाया। काेटा में भी बजरी माफिया पुलिस पर हमला कर चुके हैं।
सरपंच को घेरकर मौत के घाट उतारा
फरवरी 2018 में बजरी माफिया से भिड़ने का अंजाम सवाई माधोपुर जिले के एक सरपंच को मौत के रुप में चुकाना पड़ा था। दरअसल, हथडौली सरपंच रघुवीर मीणा काफी समय से से खनिज विभाग को अवैध बजरी स्टॉक की शिकायत कर रहे थे। इसके बाद खनिज विभाग के अधिकारी केवल आठ आरएसी के जवानों के साथ अवैध बजरी स्टॉक वाले क्षेत्र में पहुंचे।
टीम के पहुंचते ही बजरी भर रहे लोग जेसीबी के साथ भाग खड़े हुए। लेकिन टीम ने जेसीबी व चालक को पकड़ लिया। इसके बाद जब वे लोग लौटने लगे तो चारों ओर से पत्थरों की बारिश प्रारंभ हो गई, जिसके बाद टीम ने जैसे-तैसे अपनी जान बचाई। लेकिन बजरी माफिया के हमले में सरपंच रघुवीर मीणा गंभीर रूप से घायल हो गए। हालत बिगड़ने पर उन्हें जयपुर रैफर किया गया। जयपुर ले जाने के दौरान उनकी मौत हो गई।
2 पटवारियों के पैर तोड़ दिए
मामला अक्टूबर 2018 का है। फागी क्षेत्र के पटवारी विजय सिंह और अजय 6 अक्टूबर को रात 8 बजे मोहम्बतपुरा से जयपुर लौट रहे थे। डाबला गांव के पास बजरी से भरा तेज रफ्तार डम्पर उनकी कार को कट मारते हुए निकला। कुछ दूर पीछा कर रुकवाया तो आसपास के लोग विरोध में आ गए। इस पर वे भी जयपुर की ओर लौटने लगे। मुहाना क्षेत्र में बालावाल के पास पीछे से एक कार ने आेवरटेक कर उनकाे रोका और डंडों से ताबड़तोड़ वार कर पैर तोड़ दिए। भीड़ जुटने लगी तो हमलावर भाग गए।