मरुधर कंवर को तीजमाता से था बहुत लगाव
इतिहासकार और जयपुर फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष सियाशरण लश्करी ने बताया, जयपुर महाराज मानसिंह द्वितीय की पत्नी मरुधर कंवर को तीजमाता से बहुत लगाव था। उनके महल में पूरे सावन माह में विशेषकर तीज पर अलग ही नजारा रहता था। सवारी निकलने से पहले बेशकीमती आभूषणों से विशेष शृंगार किया जाता है। रामनिवास बाग, रामबाग व घाट की गुणी स्थित बाग से सुगंधित केवड़े और गेंदे के फूल आते थे। साथ ही झूला सजाया जाता था।
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तालकटोरा में लगता है घेवर का भोग, आतिशबाजी के बाद समापन
सियाशरण लश्करी ने आगे बताया, रामनिवास बाग, सिसोदिया रानी का बाग, घाट की गुणी में मेला लगता था। महिलाएं लहरिया पहनकर गीत गाने के साथ ही भोजन करती थी। माता की सवारी जनानी डयोढ़ी से त्रिपोलिया, छोटी चौपड़, चीनी की बुर्ज होकर तालकटोरा पहुंचती थी। वहां पर घेवर का भोग लगाकर आतिशबाजी के साथ समारोह का समापन होता था। रात को चंद्रमहल में महफिल का आयोजन होता था। अब पर्यटन विभाग की ओर से चहारदीवारी के बरामदों की छतों पर माता की सवारी को देखने का खास इंतजाम किया जाता है।
महिलाओं ने लगाई हाथों पर मेहंदी
इससे पहले शुक्रवार को अखंड सुहाग की कामना का पर्व सिंजारा उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। महिलाओं ने हाथों पर मेहंदी लगाई। लहरिया पहनकर परिधान पूजा अर्चना कर अखंड सुख-सौभाग्य का आशीर्वाद मांगा।
हरियाली तीज पर मां गौरी का करेंगी पूजन
नवविवाहित और सगाई हो चुकी युवतियों के यहां ससुराल पक्ष की ओर से सिंजारा भिजवाया गया। ससुराल से आई लहरिया साड़ी पहनकर नव विवाहिताएं शनिवार को हरियाली तीज पर मां गौरी का पूजन करेंगी। सुहागिन महिलाएं व्रत रखकर पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए कामना करेंगी।
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