हमारी भारतीय परंपरा में गुरु का स्थान सर्वाेपरि
सीएम भजनलाल ने कहा कि हमारी भारतीय परंपरा में गुरु का स्थान सर्वाेपरि रहा है। शिक्षक प्रतिबद्धता और परिश्रम से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाते हैं और समर्पण एवं निष्ठा से विद्यार्थियों के जीवन को समृद्ध बनाते हैं। इसलिए विद्यालय केवल अच्छे भवन, महंगे उपकरण या सुविधाओं से नहीं बल्कि शिक्षकों के अमूल्य ज्ञान से बनता है। यह भी पढ़ें – Rajasthan News : किसानों की बल्ले-बल्ले, राजस्थान सरकार ने 8.80 लाख मिनिकिट फ्री में बांटे, जानें क्यों बिजनेस इनोवेशन प्रोग्राम में 1 लाख विद्यार्थी लाभान्वित
सीएम भजनलाल ने कहा कि राज्य सरकार गांव से लेकर शहर तक शिक्षा के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं-कार्यक्रमों पर निरंतर कार्य कर रही है। राज्य सरकार ने राजकीय विद्यालयों में कक्षा-कक्ष, लैब, पुस्तकालय, शौचालयों के निर्माण के लिए 350 करोड़ रुपए और 750 स्कूलों की बिल्डिंग की मरम्मत के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। साथ ही, हम स्कूल और कॉलेज में बिजनेस इनोवेशन प्रोग्राम के माध्यम से 1 लाख विद्यार्थियों को लाभान्वित कर रहे हैं। आगामी दो वर्षों में राज्य सरकार 20 आईटीआई और 10 पॉलिटेक्निक कॉलेज भी खोलेगी।
80 लाख विद्यार्थियों का हुआ स्वास्थ्य परीक्षण
सीएम भजनलाल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में परंपरागत शिक्षण पद्धतियों के साथ-साथ नवाचारों के लिये भी राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में स्कूलों, कॉलेजों में स्टेट स्किल पॉलिसी, अटल एन्टरप्रन्योरशिप प्रोग्राम, अटल इनोवेशन स्टूडियो और एक्सेलरेटर, लर्न, अर्न एण्ड प्रोग्रेस (लीप) प्रोग्राम, डिजिटल प्रवेशोत्सव इत्यादि के माध्यम से लाखों विद्यार्थियों को लाभान्वित करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग ने 70 हजार विद्यालयों के 80 लाख विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण सर्वे भी करवाया गया है। इसमें चिन्हित विद्यार्थियों को स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं के अंतर्गत उपचार की सुविधा मिल सकेगी।
हमारे शिक्षक विकसित राजस्थान के निर्माणकर्ता
सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश के शिक्षक अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा प्रतिभाशाली हैं। उनमें प्रदेश के शिक्षा के ढांचे को और उन्नत करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के योगदान से प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में शीघ्र ही सिरमौर बनेगा। सीएम भजनलाल ने आश्वस्त किया कि जहां भी आवश्यकता होगी वहां विद्यालयों का क्रमोन्नयन होगा और नए विषय भी प्रारंभ होंगे।