इस पुरस्कार के चयन का आधार
देश के 35 जिलों के 31 गांवों का प्रतियोगिता में चयन किया। जिनमें नौरंगाबाद श्री महावीर जी को इस पुरस्कार से नवाजा गया। कासलीवाल ने बताया कि इस पुरस्कार के चयन का आधार पर्यटन के साथ ही पर्यावरण संतुलन,परिस्थतिकि स्थिरता, पर्यटक सुविधाओं का विकास तथा सांस्कृतिक व सामाजिक गतिविधियों का आयोजन था। 13 हजार की आबादी वाले नौरंगाबाद श्री महावीर जी में देश ही नहीं विदेशों से भी तीर्थ यात्री धार्मिक पर्यटन के लिए आते हैं। ट्रस्ट की ओर से दर्शनार्थी पर्यटकों के लिए विभिन्न सुविधाएं विकसित की गई हैं और पर्यावरण व स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
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पर्यावरण के संतुलन के लिए विशेष प्रयास
सुधांशु कासलीवाल ने बताया कि पर्यावरण के संतुलन के लिए यहां विशेष प्रयास किए गए हैं। यहां से प्रवाहित गंभीर नदी पर दो एनीकट राज्य सरकार के सहयोग से बने जहां सर्दियों में बहुत से पक्षी आते हैं। जल मल की निकासी की सुविधाओं के अतिरिक्त् यहां सीवरेज प्लांट भी स्थापित किया जा रहा है वहीं मंदिर ट्रस्ट की ओर से 250 किलोवाट क्षमता का सौर उर्जा प्लांट भी लगवाया है।
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