आंगनबाड़ी केंद्रों पर पेयजल-शौचालय निर्माण और बिजली कनेक्शन को प्राथमिकता दें
मुख्य सचिव ने बैठक में निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर पेयजल एवं शौचालयों के निर्माण तथा बिजली के कनेक्शन किया जाने को प्राथमिकता दी जाए। विभाग द्वारा कॉन्फेड से संचालित कार्य को और बेहतर किया जाए एवं इसके विकल्प ढूंढे जाए। उन्होंने विभाग में व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पोषाहार सप्लाई की मात्रा एवं गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। विभागीय योजना के तहत दिए जाने वाले लाभ महिलाओं एवं बच्चों को पूर्ण पारदर्शिता के साथ दिए जाए। यह भी पढ़ें – राजस्थान में आदर्श आचार संहिता फिर लागू, उप चुनाव के लिए राज्य चुनाव आयोग ने जारी किए कार्यक्रम प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना को जन-जन तक पहुंचाएं
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना एक बेहद ही महत्वपूर्ण योजना है इसकी जागरूकता जन-जन तक पहुंचाई जाए। इस योजना का प्रत्येक योग्य लाभार्थी को लाभ मिले। पी एम जनमन योजना पर भी विशेष ध्यान दिया जाए और आंगनबाड़ी केंन्द्रों को सक्षम बनाया जाए।
लंबित डीपीसी का निस्तारण करने के निर्देश
मुख्य सचिव ने महिला एवं बाल विकास विभाग में लंबित डीपीसी का निस्तारण करने के साथ ई-फाइलिंग में औसत निस्तारण समय को औऱ कम करने के लिए कार्य करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने उद्यम प्रोत्साहन योजना में ऋण सीमा को बढ़ाया जाने और इसका प्रचार-प्रसार किया जाने पर बल दिया। इसके लिए सफलता की कहानी की किताब प्रकाशित किए जाने के निर्देश दिए जिससे अधिक से अधिक महिलाएं एवं स्वयं सहायता समूह को प्रेरणा मिले और वह इसका लाभ ले सकें।
प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र में पौधरोपण कराएं
मुख्य सचिव ने बताया कि प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र में पौधरोपण करवाया जाए और जल संरक्षण से सम्बंधित कार्य किए जाएं। आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को जल संरक्षण, वृक्षारोपण का महत्व के बारे में बताया जाए।