ईसरदा बांध से रामगढ़ बांध को भरने के लिए 2 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाने थे, लेकिन इस परियोजना से अब कानोता बांध, कालख सागर और छापरवाड़ा बांध को भी जोड़ा गया है। तीनों बांधों को भरने की परियोजना पर जल संसाधन विभाग अब 3500 करोड़ रुपए खर्च करेगा।
ईआरसीपी के पानी का उपयोग करने के लिए जयपुर जिले में नया बांध बनाने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि रामगढ़ बांध, कानोता बांध, कालख सागर और छापरवाड़ा पुराने बांध हैं। कम बजट में ही इनका रख-रखाव हो जाएगा। ऐसे में 8 से 10 हजार करोड़ रुपए की बचत होगी।
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दावा किया जा रहा है कि ईआरसीपी के तहत रामगढ़ बांध, कानोता बांध, कालख सागर और छापरवाड़ा बांध साल भर लबालब रहेंगे। ऐसे में जिले में बांध पर्यटन की नई शुरूआत होगी और ग्रामीण पर्यटन को भी पंख लगेंगे। पर्यटन विशेषज्ञों का कहना है कि चारों बांध एक साथ भरने पर जिले का जल स्तर भी सुधरेगा।
– कानोता बांध : रामगढ़ बांध से लिंक देकर भरा जाएगा
– कालख सागर बांध : बांडी नदी से पानी लाया जाएगा
– छापरवाड़ा बांध : कालख सागर फीडर के जरिए आएगा पानी