केवल रघु और हरीश चौधरी हो सकते हैं मंत्रिमंडल से बाहर
विश्वस्त सूत्रों की माने तो विधानसभा उपचुनाव से पहले प्रदेश में मंत्रिमंडल फेरबदल की अटकलें चल रही थीं, जिसमें कमजोर परफॉर्मेंस वाले कई मंत्रियों की छुट्टी होना तय मानी जा रही थी, लेकिन अब विधानसभा उपचुनाव में जीत के बाद बदली हुई रणनीति के तहत बड़ा बदलाव मंत्रिमंडल में देखने को नहीं मिलेगा। केवल चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी को ही मंत्रिमंडल से बाहर किया जा सकता है। रघु शर्मा जहां गुजरात के प्रभारी हैं तो वहीं हरीश चौधरी पंजाब के प्रभारी हैं। दोनों ही राज्यों में आगामी समय में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में उन्हें मंत्रिमंडल की जिम्मेदारी से मुक्त किया जा सकता है।
डोटासरा के दोनों पदों पर बन रहने की चर्चाएं
सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं की माने तो प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा अब दोनों पदों पर रह सकते हैं। डोटासरा शिक्षा विभाग के साथ-साथ संगठन के मुखिया की भूमिका भी बेहतर ढंग से निभा रहे हैं। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने पंचायत चुनावों, निकाय चुनावों के साथ-साथ 5 विधानसभा उपचुनाव में से 4 में जीत दर्ज की है। चर्चा यह भी है कि प्रदेश में जब भी मंत्रिमंडल विस्तार होगा तो डोटासरा को राज्यमंत्री से कैबिनेट में प्रमोट किया जा सकता है।
मंत्रिमंडल में अभी 9 पद खाली
गहलोत मंत्रिमंडल में अभी 9 पद खाली हैं। अगर रघु शर्मा और हरीश चौधरी चौधरी को मंत्रिमंडल से बाहर किया जाता है तो फिर 11 पद रिक्त हो जाएंगे। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार पर ही ज्यादा फोकस रखेंगे।
इन मंत्रियों पर था मंत्रिमंडल से बाहर होने का संकट
दरअसल गहलोत सरकार में आधा दर्जन से ज्यादा मंत्री ऐसे हैं जिन पर मंत्रिमंडल से बाहर होने का संकट मंडरा रहा था । कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, सालेह मोहम्मद, उदयलाल आंजना, राज्य मंत्री सुखराम बिश्नोई, भजन लाल जाटव, अशोक चांदना, अर्जुन लाल बामणिया जैसे नाम प्रमुख थे लेकिन वल्लभनगर विधानसभा चुनाव में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना और खान मंत्री प्रमोद जैन भाया तो वहीं धरियावद में अर्जुन लाल बामणिया, अशोक चांदना ने पार्टी प्रत्याशियों को जिताने में अहम भूमिका निभाई थी जिसके इनाम के तौर उन पर मंडराया संकट को अब खत्म माना जा रहा है।