मंदिर महंत जय शर्मा ने बताया कि 20 किलो जनी जरी की पोशाक को खास तरह से तैयार किया गया है। जरी की पोशाक को राजशाही पोशाक कहा जाता है। 31 अगस्त को सुबह मंदिर के पट मंगल होंगे, जो 1 सितंबर को शाम 5 बजे तक मंगल रहेंगे।
पट मंगल रहने के दौरान गणपति का पारंपरिक शृंगार किया जाएगा। एक सितंबर को सिंजारे के दिन शाम 5 बजे गणपति मोदकों की झांकी के साथ दर्शन देंगे। इस दिन गणपति को लहरिए-मोठड़े की विशेष पोशाक धारण करवाई जाएगी। इस दिन सिंजारा महोत्सव भी मनाया जाएगा, जिसमें गजानन को मेहंदी अर्पित की जाएगी।
गणेश चतुर्थी पर्व और शोभायात्रा को लेकर तैयारियां जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने गणेश चतुर्थी पर्व और उसके अगले दिन निकलने वाली शोभायात्रा को लेकर अधिकारियों को पूरी तरह चौकस रहने और इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने आयोजन के लिए शहर में दर्शनार्थियों एवं श्रद्धालुओं की सुविधा के संबंध में नगर निगम, पुलिस एवं यातायात तथा अन्य विभागों के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
यादव ने बताया कि नगर निगम आयुक्त को मोती डूंगरी गणेश मंदिर एवं ब्रह्मपुरी स्थित श्री गढ़ गणेश मंदिर एवं आस-पास के क्षेत्र में साफ-सफाई, रोशनी तथा मंदिरों के प्रबंधन से समन्वय बनाते हुए अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं।
जिला कलेक्टर ने बताया कि गणेश चतुर्थी पर शहर के मोती डूगरी गणेश मंदिर व ब्रह्मपुरी स्थित गढ़ गणेश मंदिर तथा अन्य मंदिरों में विभिन्न आयोजन होंगे। गणेश जी की शोभायात्रा 3 सितंबर को दोपहर बाद मोतीडूगरी गणेश मंदिर से रवाना होकर विभिन्न मार्गों से होते हुए मंदिर श्री गढ़ गणेश तक जाएगी।