जेएलएन मार्ग सहित अन्य प्रमुख इलाकों में सूरत, मेरठ, यूपी, गुजरात व दिल्ली के कलाकार विविध रंगों व डिजाइन की विघ्नहर्ता की मूर्तियों को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं। गणेश चतुर्थी (13 सितम्बर) पर घर-घर में प्रथम पूज्य की प्रतिमा का पूजन किया जाएगा।
साथ ही विभिन्न जगह दस दिवसीय गणेशोत्सव भी मनाया जाएगा। जीएसटी के बाद कच्चे माल के दाम में इजाफा होने से मूर्तियों के दाम बढ़े हैं। इसके बावजूद भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ व प्रतिमाओं की खरीदारी जोर पकडऩे लगी है।
जेएलएन मार्ग, सांगानेर, मानसरोवर, झालाना, मालवीय नगर व राजापार्क क्षेत्र में गणेश प्रतिमाओं का बाजार सज चुका है। लाल बाग के राजा भगवान को गणेश को मन्नत वाले गणपति कहे जाने के कारण इस बार श्रद्धालु भी बीकानेर की खडिय़ा मिट्टी से बने लाल बाग के राजा वाली प्रतिमा खरीद रहे हैं। विभिन्न स्थानों पर इस प्रतिमा के कई ऑर्डर भी बुक हुए हैं। वहीं, करीब छह फुट की प्रतिमा की कीमत करीब 31 हजार रु. है।
खडिय़ा मिट्टी ले रहे काम
इस बार मूर्ति कलाकारों ने प्लास्टर ऑफ पेरिस से दूरी बना ली है और खडिय़ा मिट्टी, नारियल जूट व कागज से गणेश प्रतिमा बना रहे हैं। साथ ही आभूषणों और अलग-अलग रंगों से भी उनका शृंगार किया जा रहा है।
फैक्ट फाइल– 1 इंच से लेकर 10 इंच और 6 फुट तक की प्रतिमाएं
– 4 महीने से बना रहे प्रतिमाएं
– 100 से लेकर 30000 रुपए तक की प्रतिमाएं
संविधान लागू होने तक राजस्थान में चुनते थे प्रधानमंत्री, फिर बना मुख्यमंत्री पदनाम