महिलाओं का भविष्य संवारने निकले एनजीओ ने खुद की तकदीर संवार ली
देह व्यापार में लिप्त महिलाओं का भविष्य तो उज्जवल नहीं हुआ, लेकिन उनके लिए काम करने वाली एनजीओ ने खुद की तकदीर संवार ली।
देह व्यापार में लिप्त महिलाओं का भविष्य तो उज्जवल नहीं हुआ, लेकिन उनके लिए काम करने वाली एनजीओ ने खुद की तकदीर संवार ली।
देह व्यापार से जुड़ी महिलाओं को दलदल से निकालकर उज्जवला योजना के तहत उन्हें संबल देने के लिए जिले में काम कर रही संस्था के कामकाज की हकीकत जानने पहुंचे अधिकारियों की आंखें गड़बड़झाला देख खुली रह गई।
निर्धारित स्थान पर संस्था का कोई नामोनिशां तक नहीं मिला। इसके बाद पता किया तो जिस जगह संस्था का बोर्ड लगा मिला, वहां वृद्धाश्रम चलता पाया। जांच दल ने संस्था की गड़बडिय़ों का कच्चा चिट्ठा तैयार कर जिला कलक्टर को सौंप दिया है। बताया जा रहा है कि संस्था दो साल से जिले में उज्जवला योजना के तहत काम कर रही है।
मौके पर कार्यालय नहीं
यह दल 28 अक्टूबर 2015 को संस्था के बूंदी के पते गुरुनानक कॉलोनी स्थित एक आवास पर पहुंचा। जहां संस्था का कोई कार्यालय नहीं मिला। यहां रहने वाले सर्वदमन शर्मा ने बताया कि उनके यहां संस्था का कार्यालय कभी संचालित नहीं हुआ।
संस्था ने झूठा पता दिया है। इसके बाद जांच अधिकारी ने संस्था के संचालक से फोन पर पूछा तो उन्होंने हट्टीपुरा में संस्था का कार्यालय होने की बात कही। इस पर टीम तत्काल हट्टीपुरा पहुंची, जहां संस्था का बोर्ड तो लगा था, लेकिन मकान मालिक पूर्व सरपंच बाबूलाल से पूछताछ करने पर उन्होंने सच्चाई बता दी। उन्होंने कहा कि यहां छह माह से एक वृद्धाश्रम चल रहा है, जिसमें गांव की वृद्ध महिलाएं भोजन करने आती है। सर्वदमन शर्मा व बाबूलाल के बयान भी जांच रिपोर्ट में दर्ज किए गए हैं।
यह है योजना
केन्द्र सरकार की उज्जवला योजना के तहत देह व्यापार से जुड़ी महिलाओं को जागरूक करना व उनका पुनर्वास करवाना सबसे अहम था। महिलाओं को वर्तमान सामाजिक परिवेश के तहत प्रशिक्षण देकर संबल प्रदान करना और अपने पैरों पर खड़ा करने का कार्य करना था, लेकिन एक भी महिला का पुनर्वास तो दूर उन्हें दल-दल से निकालने का प्रयास तक नहीं किया गया।
ऐसे खुली पोल…
गत दिनों जिला कलक्टर नेहा गिरि की अध्यक्षता में हुई बैठक में बाल कल्याण समिति अध्यक्ष रेखा शर्मा ने जिले में उज्जवला योजना का कार्य कर रही सहयोग सामाजिक संस्था की जांच कराने की मांग उठाई थी।
उन्होंने कहा कि देह व्यापार में लिप्त महिलाओं के लिए उक्त संस्था जिले में काम कर रही है लेकिन कहां काम कर रही है? यह पता नहीं चल रहा। इस पर कलक्टर ने जांच के आदेश दिए। सहायक निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सविता कृष्णिया व बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों को जांच दल में शामिल किया गया।
जिले में उज्जवला योजना के तहत कार्य कर रही सहयोग संस्था की जांच आदेश के मिले थे। जांच में मिली खामियों की रिपोर्ट जिला कलक्टर के समक्ष प्रस्तुत कर दी है।
सविता कृष्णिया, सहायक निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग बूंदी
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