scriptपहले रिश्वत मांगी, एसीबी का पता चला तो माफी मांगने परिवादी के घर पहुंचा कलक्टर | First he demanded bribe, when ACB came to know about it, the collector reached the complainant's house to apologize | Patrika News
जयपुर

पहले रिश्वत मांगी, एसीबी का पता चला तो माफी मांगने परिवादी के घर पहुंचा कलक्टर

-दूदू कलक्टर के दलाल बने पटवारी ने परिवादी के पांव पकड़े, बोला साहब की तरफ से मैं माफी मांगता हूं
बोलाः कलक्टर बार-बार फोन कर रहा है, मामला अब खत्म करो
कलक्टर हनुमान मल ढाका को सरकार ने किया एपीओ

जयपुरApr 28, 2024 / 01:46 pm

Om Prakash Sharma

जयपुर.
दूदू कलक्टर हनुमान मल ढाका ने रिश्वत की राशि तय करने के लिए पहले परिवादी को दो बार अपने सरकारी आवास पर बुलाया। पहले 21 और फिर 15 लाख में सौदा तय करने के दौरान एसीबी अपना जाल बिछा चुकी थी। घूस लेने से पहले ही कलक्टर को एसीबी की भनक लग गई। उसने पहले दो पटवारियों को परिवादी के घर भेजा। पटवारी ने पांव पकड़ कर कहा कलक्टर की तरफ से मैं आपके पांव पकड़ लेता हूं। फिर कलक्टर भी निजी कार से परिवादी के घर ही पहुंच गया, लेकिन परिवादी ने उससे मिलने से इनकार कर दिया। जब तक कलक्टर हनुमान मल ढाका और पटवारी हंसराज के खिलाफ एसीबी मजबूत साक्ष्य जुटा चुकी थी। एसीबी की रिपोर्ट पर सरकार ने शनिवार को ढाका को एपीओ कर दिया।
इस तरह ट्रेप होने की संभावना खत्म होने के बाद एसीबी ने कलक्टर के खिलाफ शुक्रवार को ही रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया था। परिवादी 204 बीघा के फार्म हाउस का मैनेजर है। उसे पटवारी हंसराज चौधरी ने 13 अप्रेल को कहा था कि कलक्टर से मिल लेना नहीं तो 15 अप्रेल को ही तुम्हारे फार्म की भू उपयोग परिवर्तन मामले में बड़ी कार्रवाई होगी।
परिवादी कलक्टर से मिला तो उससे कार्रवाई से बचने के बदले 25 लाख रुपए मांगे। इसके बाद वह एसीबी पहुंचा। एसीबी ने ट्रेप की तैयारी कर ली। इस बीच कलक्टर को परिवादी ने कॉल किया तो उसने 15 अप्रेल की शाम को अपने आवास पर ही बुला लिया। वहां प्रकरण में अब्दुल रहमान मामले का नोट नहीं डालने और कार्रवाई से बचने के बदले रिश्वत मांगी। परिवादी ने फॉर्म हाउस मालिक से बात करने की बात कही तो अगले दिन फिर बुलाया।
कलक्टर से दुबारा मिला तो मामला 15 लाख रुपए में तय हो गया। इसके बाद 18 अप्रेल को परिवादी कलक्टर कार्यालय गया। वहां पटवारी हंसराज को बोला कि साहब को कह दो अभी मात्र 7.5 लाख रुपए 22 अप्रेल तक दे पाउंगा। पटवारी कलक्टर चैम्बर में गया और वापस आकर बोला ठीक है।
रात 11 बजे निजी कार से कलक्टर पहुंचे परिवादी के घर
तय समय से पहले 19 अप्रेल की रात पटवारी हंसराज चौधरी और सांवरमल जाट परिवादी के घर पहुंचे। उन्होंने कहा कि कलक्टर साहब बोले हैं गलती हो गई। हंसराज ने परिवादी के पांव पकड़े और बोला कलक्टर की ओर से मैं पांव पकड़ता हूं। इस टंटे को खत्म करो। कलक्टर हमको बार-बार फोन कर रहा है। इस बीच रात करीब 11 बजे कलक्टर हनुमान मल ढाका निजी कार से परिवादी के घर पहुंचे। परिवादी ने पटवारी कहा कि उन्हें (कलक्टर) कहो घर में नहीं आए। इसके बाद कलक्टर लौट गए। बातचीत कर दोनों पटवारी भी वहां से चलते बने। इसके बाद स्पष्ट हो गया कि अब ट्रेप सम्भव नहीं है। तब एसीबी ने रिश्वत मांगने की एफआईआर दर्ज करने का निर्णय लिया।
एसीबी ने दूसरे दिन कलक्टर व पटवारी के मोबाइल किए जब्त, कलक्टर कार्यालय से कम्प्यूटर जब्त किया
एसीबी ने दूसरे दिन शनिवार को दूदू कलक्टर हनुमानमल ढाका के कार्यालय में सर्च किया। वहां से कलक्टर का सरकारी कम्प्यूटर जब्त किया। एसीबी टीम इससे पहले दूदू में कलक्टर के सरकारी आवास व तलसील कार्यालय में शुक्रवार रात को सर्च करने पहुंची थी। आवास पर कलक्टर हनुमान मल का एक मोबाइल व कार्रवाई के दौरान पटवारी हंसराज के दो मोबाइल जब्त किए। बताया जाता है कि एसीबी के परिवादी से मोबाइल पर वाट्सएप चैट की गई है। इसके चलते सबूत के तौर पर दोनों के मोबाइल जब्त किए। एसीबी की टीम दूदू में कलक्टर आवास पर सर्च के बाद शनिवार तडक़े 3 बजे तक दूदू तहसील कार्यालय में सर्च करने में जुटी रही। शनिवार सुबह पांच बजे जयपुर लौटी और फिर शनिवार दोपहर करीब साढ़े बारह बजे दूदू कलक्टर कार्यालय पहुंच गई थी। बताते हैं एसीबी की कार्रवाई के बाद कलक्टर दूदू से चले गए थे। एसीबी सूत्रों के मुताबिक जिला कलक्टर को रिश्वत लेते रंगे हाथ नहीं पकड़ा जा सका। इसके चलते कानूनन उनके अन्य ठिकानों पर सर्च की कार्रवाई नहीं की जा सकी।

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