दरअसल, एसआई भर्ती में पेपर लीक मामले में एसओजी ने पुत्रवधू (प्रेमसुखी) को भी गिरफ्तार किया है। हालांकि ससुर (मनीराम भादू) ने प्रेमसुखी के मामाओं पर (राजाराम और रामनिवास विश्नोई) पर फंसाने का आरोप लगाया है। एसआईटी को पत्र लिखने वाला मनीराम भादू बीकानेर जिले के गांव कुदसु का रहने वाला है।
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मनीराम भादू ने पत्र में लिखा कि ‘आप द्वारा SI भर्ती परीक्षा सहित अन्य भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकथाम हेतु सराहनीय प्रयास किया जा रहा है। महोदय आप द्वारा SI भर्ती परीक्षा में जिन फर्जी परीक्षार्थियों को गिरफ्तार किया है उनमें एक प्रेमसुखी मेरी इकलौती पुत्र वधू है। महोदय मेरा इकलौता पुत्र अंग्रेजी विषय से वरिष्ठ अध्यापक है और वर्तमान में जोधपुर में कार्यरत है।’
उन्होंने आगे लिखा कि ‘महोदय प्रेमसुखी को उक्त कृत्य के लिए तैयार करने वाले उसके स्वयं के सगे मामा राजाराम और रामनिवास बिश्नोई है। जिन्होंने मेरे पुत्र एवं मेरे से बिना कोई जानकारी के उसे अपने पास रख करके यह पेपर दिलवाया, साथ इस पेपर के बदले मेरी पुत्रवधू का लगभग आधा किलो सोना जो हमने सामाजिक रीति रिवाज से पुत्रवधू के करवाया था वह बेच दिया।
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भादू ने पत्र में लिखा कि ‘जिसको लेकर हमारे बीच अनबन हुई मुकदमेबाजी भी हुई थी फिर सामाजिक दबाव में हमने राजीनामा कर लिया । महोदय उक्त मामा दोनों जोधपुर में रहते हैं और इन्होंने इससे पूर्व JEn भर्ती परीक्षा में भी अपने दो पुत्र, एक पुत्री और एक भांजे को विभिन्न विभागों में चयन कराके JEN है जो वर्तमान में JEN पद पर नौकरी कर रहे हैं।’
ससुर मनीराम भादू ने लिखा कि ‘महोदय मेरी एकमात्र पुत्रवधू आज इनकी वजह से जेल में है जबकि उनके पुत्र और बेटियां फर्जी तरीके से नौकरी लगने के बाद भी नौकरी कर रही है। महोदय मेरा निवेदन है कि जो गलत है उसे गलत की सजा मिलनी चाहिए। लेकिन इस कृत्य के लिए जिम्मेदार जो लोग हैं उनको इनसे पहले सजा दी जानी चाहिए।’