फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को नारायण सिंह सर्किल स्थित एक प्रेस सभागार में इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट्स के राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि गहलोत सरकार ने अच्छा काम किया है, योजनाएं भी अच्छी हैं लेकिन सभी नेताओं को साथ लेकर चलना होगा तभी कांग्रेस मजबूत होगी।
मुस्लिम देश में बराबर के हिस्सेदार
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मुसलमान भी देश में बराबर का हिस्सेदार हैं, इस देश में 22 करोड मुसलमान रहते हैं। देश में एक धर्म विशेष के खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है, 22 करोड़ मुसलमानों को कहां फेंक दोगे। उन्होंने कहा कि इस देश में सभी हिंदू मुसलमानों के खिलाफ नहीं है और न ही मुसलमानों के दुश्मन हैं। इस देश के बहुसंख्यक हिंदू भी देश के वर्तमान हालत से चिंतित हैं और चाहते हैं कि देश की हालत बदलने चाहिए।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पहले मुस्लिमों को एकजुट होना होगा, सभी वर्गों को एकजुट होना होगा। हम सब एकजुट हो गए तो हिंदुस्तान का संविधान कोई नहीं बदल सकता। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हिंदुस्तान एक बहुत बड़ा देश है यहां पर खतरे आते हैं लेकिन हिंदुस्तान सुरक्षित है।
राहुल गांधी को मिलना चाहिए संसद में अपनी बात रखने का मौका
वहीं राहुल गांधी को लेकर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि राहुल गांधी को संसद में अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए वो चुने हुए सांसद हैं। अगर उन्होंने कोई गलत बात बाहर बोली है और वो अपनी बात संसद में रखना चाहते हैं तो उन्हें सुनना चाहिए और उसके बाद ही फैसला करना चाहिए कि क्या गलत है और क्या सही है। सबको अपनी अपनी बात कहने का अधिकार है और लोकतंत्र में सबको अपनी अपनी बात कहने का अधिकार मिला हुआ है।
लोगों में गलतफहमी फैलाई जा रही है
वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि लोगों के बीच गलतफहमी फैलाई जा रही है, हिंदू के मन में मुसलमान के प्रति और मुसलमान के मन में हिंदू के प्रति गलत बातें फैलाई जा रही हैं। देश में हिंदू, मुसलमान, सिख, इसाई सभी लोग मिलकर रहेंगे तो देश मजबूत रहेगा। अगर हम बिखर गए तो देश बिखर जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा के लिए सरहदों पर जब सैनिक खड़े होते हैं तो उनका धर्म नहीं पूछा जाता है कि वे किस धर्म से हैं, सब मिलकर देश की रक्षा करते हैं।
सांसद दानिश अली के बयान पर विवाद
इधर बीएसपी सांसद दानिश अली की ओर से कार्यक्रम के दौरान मीडियाकर्मियों पर टिप्पणी किए जाने को लेकर विवाद हो गया, जिसके बाद मीडियाकर्मियों ने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया। उसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, विधायक रफीक खान और अमीन कागजी मीडिया कर्मियों को मनाते नजर आए। हालांकि बाद में दानिश अली ने अपने बयान पर खेद व्यक्त कर दिया।
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