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तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट का रुख
विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच तेल-तिलहन बाजार में गिरावट का रुख दिखाई दिया और सोयाबीन तिलहन और बिनौला तेल कीमतें हानि के साथ बंद हुई। सूत्रों के अनुसार सामान्य तौर पर सूरजमुखी और सोयाबीन डीगम तेल कम आपूर्ति के कारण लगभग 10 प्रतिशत ऊंचा बिक रहा है। इस कम आपूर्ति की स्थिति को खत्म करने के लिए कोटा प्रणाली खत्म करके सूरजमुखी और सोयाबीन तेल पर 10 प्रतिशत का आयात शुल्क लगा देना चाहिए। इससे किसानों को फायदा होगा, क्योंकि उनके तिलहन के अच्छे दाम मिलेंगे, आपूर्ति बढ़ने से उपभोक्ताओं को फायदा होगा और तेल मिलों को सस्ते आयातित तेलों की वजह से जो बाजार टूटा है, उससे राहत मिलेगी और सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति होगी। कारोबारियों ने कहा कि बिनौले तेल और खल की लागत, बाजार भाव से अधिक है। नरमा भाव नीचे होने के कारण किसान मंडियों में कम फसल ला रहा है।