उन्होंने बताया कि आरोपी 14 अगस्त को
जयपुर के विश्वकर्मा में माल पहुंचाने का बहाना कर ट्रक किराए से लिया। रास्ते में चालक को झांसा देकर ट्रक खुद ही ले गए। उसी दिन बेगस गांव में ट्रक व कार लेकर पहुंचे और वहां लोगों से 82 बकरियां खरीद ली।बकरियों को जल्दबाजी में ट्रक में बैठाकर रवाना किया तो लोगों को उनकी हरकत पर शक हो गया।
लोगों ने कार को घेरकर रोक लिया और बगरू पुलिस को बुला लिया। पुलिस ने आरोपियों की कार की तलाशी ली तो उसमें रंगीन प्रिंटर से निकाले हुए 500-500 के 9 लाख रुपए मिले। तब आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। अब नोटों के संबंध में पूछताछ के लिए आरोपियों को प्रॉडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया गया।
दो प्रिंटर से चल रहा था काम
डीसीपी अमित कुमार के नेतृत्व में पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि झोटवाड़ा स्थित नानूपुरी कॉलोनी में सुरेन्द्र के घर पर दो रंगीन प्रिंटर लगा रखे हैं, जिससे नोट तैयार करते हैं। पुलिस ने मंगलवार रात को घर पर सर्च किया तो वहां पर 85.94 लाख जाली नोट व नोट तैयार करने के उपकरण मिले।
शीट पर असली नोट चिपकाकर रंगीन फोटो निकालते
डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि आरोपियों के घर पर ए-4 साइज की सीट पर चार असली नोट चस्पा मिले। आरोपी इन असली नोट से रंगीन फोटो प्रति निकालकर असली नोट की साइज में कटिंग कर गड्डी तैयार कर रखी थी। पुलिस ने बताया कि आरोपी ग्रामिण क्षेत्रों में लोगों को जाली नोट देखकर उनसे भेड़, बकरियां या फिर अन्य सामान की खरीद कर ठगी करते हैं।