फैक्ट चैक : बीकानेर में ट्यूबवेल से दूध निकलने का दावा फर्जी
सोशल मीडिया पर ट्यूबवेल से दूध निकलने का दावा, सोशल मीडिया पर वीडियो के साथ मैसेज किया जा रहा शेयर, लोगों का दावा ट्यूबवेल से निकला पानी चखा तो साबित हुआ दूध था, असल में निकला था झाग वाला पानी, जांच में पोस्ट निकली झूठी, जानें इन वायरल पोस्ट की पूरी सच्चाई
फैक्ट चैक : बीकानेर में ट्यूबवेल से दूध निकले का दावा फर्जी
जयपुर। सोशल मीडिया पर किसी फोटो और वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर उसे वायरल (viral video) किया जाता रहता है। वहीं किसी पुरानी फोटो और वीडियो को नया बताकर भी उसे शेयर किया जाता है। कई बार सच्चाई कोसों दूर होती है, लेकिन सोशल मीडिया पर लोग बिना सच जाने उसे वायरल करते रहते हैं।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर एक वीडियो खूब वायरल किया जा रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि राजस्थान के बीकानेर के एक खेत में बोरिंग के बाद उसमें से पानी की जगह दूध निकलने लगा। कुछ लोगों का दावा कि जब इस पी कर देखा गया तो यह दूध साबित हुआ। कुछ का दावा है कि बीकानेर में एक खेत का ट्यूबवेल दूध उगल रहा है।
राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने इस वायरल वीडियो और मैसेज के पीछे का सच जाना तो जांच में सभी दावे फर्जी निकले। सच्चाई यह है कि नवंबर 2019 में बीकानेर के नौरंगदेसर गांव में एक पुराने ट्यूबवेल को फिर से शुरू किया गया तो कुछ देर के लिए सफेद पानी निकलने लगा था। इसी का वीडियो बनाकर कुछ लोगों ने गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर इस वीडियो को वायरल कर दिया।
यह है वायरल पोस्ट में
ट्विटर पर एक रमेश लाठिया नाम के यूजर ने वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया कि “राजस्थान के एक गांव में खेत में बोरिंग के बाद पानी की जगह दूध निकला। पहले ये लगा कि सफेद पानी है, पीने के बाद दूध साबित हुआ। ये कुदरत का करिश्मा है।” इस ट्वीट को 29 नवंबर 2019 को पोस्ट किया गया। इसे अब तक करीब 260 लोग देख चुके हैं। इसी तरह एके चौधरी नाम के फेसबुक पेज पर 17 नवंबर को इस वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया कि “बीकानेर में ट्यूबवेल से दूध निकल रहा है।” इस वीडियो को अब तक तीन हजार से ज्यादा बार देखा जा चुका है। फेसबुक पर दूसरे यूजर्स भी इस वीडियो को वायरल कर रहे हैं।
जांच
राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने इंटरनेट पर ‘बोरिंग से निकला दूध सर्च किया तो यह वीडियो कई यूट्यूब चैनल पर मिला। द न्यूज रिपेयर नाम के एक यूट्यूब चैनल ने इस वीडियो को बीकानेर के नौरंगदेसर गांव का बताया। इस वीडियो को 17 नवंबर 2019 को अपलोड किया गया था। हमें एक ऐसा ही वीडियो आईएनसी न्यूज नाम के एक यूट्यूब चैनल पर भी मिला। इसमें बीकानेर के नौरंगदेसर गांव के सरपंच रामनिवास कुकणा के हवाले से बताया गया कि ट्यूबवेल कई महीने से बंद था। जब इसे फिर से चालू किया गया तो नीचे से सफेद झाग निकलने लगा। यह सिर्फ दो घंटे की बात थी। अब ट्यूबवेल से सामान्य पानी निकल रहा है। वहीं दूसरे वीडियो में यह पता चला कि एक खेत में एक ट्यूबवेल करीब दो साल से बंद पड़ा हुआ था। जब उसे फिर से चालू करने के लिए कुछ केमिकल की मदद से सफाई की गई तो कुछ देर तक सफेद झाग वाला पानी निकलने लगा। गांव के ही कुछ लोगों ने उसका वीडियो बनाकर दूध वाले झूठे दावे के साथ वायरल कर दिया।
विशेषज्ञों से बात करने पर उन्होंने बताया कि कई बार यदि बोरिंग को कई दिनों बात चालू किया जाता है तो इस प्रकार की घटना होती है। दूध वाली बात तो एकदम फर्जी है। हो सकता है कि बोरिंग की पाइप को साफ करने के लिए केमिकल या सर्फ डाला हो, जिसके कारण झाग निकली हो। बीकानेर के बोरिंग के वीडियो को फर्जी दावे के साथ वायरल करने वाले पेज एके चौधरी की सोशल स्कैनिंग की तो पता लगा कि इस पेज को 24 हजार से ज्यादा लोग इसे फॉलो करते हैं।
सच
राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने इस वायरल वीडियो और मैसेज के पीछे का सच जाना तो पता चला कि बोरिंग से दूध निकलने का दावा पूरी तरह गलत है। बीकानेर के नौरंगदेसर गांव में एक ट्यूबवेल कई साल से बंद पड़ा था। उसे जब उसे शुरू किया गया तो सफेद झाग वाला पानी निकला था।
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