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त्योहारी सीजन में नकली वेबसाइट्स, फर्जी लिंक और साइबर फ्रॉड के माध्यम से ठगी की घटनाएं हो रही हैं। नामी वेबसाइट्स की नकल कर नकली वेबसाइट्स बनाई जा रही हैं, जिन पर ऑफर्स व भारी डिस्काउंट जैसे, दस हजार रुपए की खरीद पर चांदी का सिक्का, ब्रांडेड कपड़ों पर 50 से 60 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। लोग जल्दबाजी में खरीदारी कर लेते हैं, जिससे उनके बैंक खातों से पैसे उड़ जाते हैं या उन्हें खराब सामान भेज दिया जाता है।
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बनाते फर्जी वेबसाइटसाइबर एक्सपर्ट सुभाष दाधीच बताते हैं कि साइबर अपराधी फर्जी वेबसाइट्स बनाते हैं। लोग जल्दीबाजी में खरीदारी कर लेते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं। डिस्काउंट और ऑफर्स के लालच में बैंक अकाउंट्स से रकम गायब हो जाती है या सामान कई दिनों तक नहीं पहुंचता।
1-किसी भी अनजान लिंक, ईमेल या वेबसाइट पर क्लिक करने से पहले उसकी स्पेलिंग और यूआरएल की जांच करें। 2-सोशल मीडिया पर नए सेलर से नगद भुगतान के बजाय कैश ऑन डिलीवरी का विकल्प चुनें।
मालवीय नगर निवासी प्रीति सैनी के साथ एक स्मार्ट वॉच पर छूट का मैसेज मिलने पर ठगी हुई। लिंक पर क्लिक करने के बाद ओटीपी मांगा गया और 15 हजार रुपए उनके खाते से कट गए।
चौड़ा रास्ता निवासी निधि संगतानी ने इंस्टाग्राम पर एक ऑफर देखकर 6 हजार रुपए में बच्चों के कपड़े ऑर्डर किए, लेकिन कपड़े फटे-पुराने निकले और संपर्क करने पर नंबर बंद मिला। कैश ऑन डिलीवरी को दें प्राथमिकता
कैश ऑन डिलीवरी को प्राथमिकता दें। जल्दीबाजी में कोई निर्णय न लें और ओटीपी की जानकारी किसी के साथ साझा न करें। साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए सोशल मीडिया पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
-श्रवण कुमार वैष्णव, थानाधिकारी, साइबर क्राइम