ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि तिथियों के मान में वृद्धि के कारण दीपोत्सव पर्व छह दिन का होगा। त्रयोदशी 10 नवंबर की दोपहर 12:36 से 11 नवंबर को दोपहर 1:58 बजे तक रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी शुरू होगी, जो 12 नवंबर की दोपहर 2:45 बजे तक रहेगी। फिर अमावस्या लग जाएगी, जो 13 नवंबर की दोपहर 2:57 बजे तक रहेगी। शास्त्रों में दीपोत्सव प्रदोष काल में मनाए जाने का उल्लेख है। अत: रूप चौदस 11 को रहेगी व शाम को दीपदान किया जाएगा। 12 नवंबर को दिवाली का पर्व रहेगा। हालांकि, उदियात तिथि के कारण धन्वंतरी जयंती 11 नवंबर को रहेगी। धनतेरस की खरीदारी के लिए लोगों को दो दिन (10 और 11 नवंबर) मिलेंगे। रूप चतुर्दशी का स्नान 12 नवंबर की प्रभात वेला में होगा।
बाजार में खरीदारी रहेगी परवान पर
ज्योतिर्विद पं. घनश्याम लाल स्वर्णकार ने बताया कि देवशयनी एकादशी के करीब पांच माह बाद देवउठनी एकादशी (23 नवंबर) के अबूझ सावे से पहले दीपोत्सव के दौरान हर दिन विशेष योग संयोगों के कारण बर्तन, वाहन, ज्वैलरी, प्रॉपर्टी, इलेक्ट्रॉनिक सामान व कपड़े आदि की खरीदारी परवान पर रहेगी। इन योग में की गई खरीदारी चिर स्थायी रहेगी।
10 नवंबर: धनतेरस, यम दीपदान, हस्त नक्षत्र, अमृत योग
11 नवंबर: धन्वंतरी जयंती व छोटी दिवाली, चित्रा नक्षत्र व प्रीति योग
12 नवंबर: रूप चतुर्दशी के निमित्त प्रभात वेला में स्नान, शाम को दिवाली पर्व, स्वाति नक्षत्र व आयुष्मान योग
13 नवंबर: सोमवती अमावस्या
14 नवंबर: गोवर्धन पूजा, अन्नकूट
15 नवंबर: भाई दूज
जयपुर के 150 से अधिक बड़े बाजारों में विशेष थीम पर सजावट की जाएगी। चाइनीज लाइट का बहिष्कार किया है। शत प्रतिशत मतदान के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा। यातायात के नियमों की पालना का संदेश देंगे। चांदपोल बाजार की सजावट कैंडल लाइट थीम पर होगी।
सुभाष गोयल, अध्यक्ष, जयपुर व्यापार महासंघ
Onion Price Hike: अब प्याज काटने में नहीं खरीदने में भी निकल रहे आंसू, यहां पहुंचा भाव
दीपावली के एक दिन बाद गोवर्धन पूजा
13 नवंबर की दोपहर 2:57 बजे तक सोमवती अमावस्या रहेगी। इसके बाद प्रतिपदा शुरू हो जाएगी, जो 14 नवंबर की दोपहर 2:37 बजे तक रहेगी। सामान्यतया दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। सूर्योदय के बाद सात घंटे से अधिक समय तक 14 नवंबर को प्रतिपदा रहने के कारण उदियात तिथि के अनुसार इस दिन गोवर्धन पूजा, अन्नकूट का पर्व मनाया जाएगा। भैयादूज 15 नवंबर को रहेगी। शास्त्रों के अनुसार सूर्योदय के बाद करीब 2:24 घंटे तक तिथि का मान रहने पर उस दिन उदियात के अनुसार पर्व मनाया जाता है।