प्रारंभिक जांच में सामने आया कि देवा की हत्या उसके विरोधी गुट और उसके दोस्तों ने ही मिलकर की है। उनसे पूछताछ में सामने आया कि देवा ठेके पर लेबर उपलब्ध कराने का काम करता था। रावतभाटा में भी उसने बड़ी संख्या में लेबर लगा रखी थी। उसके कुछ दोस्त उससे कुछ समय से रुपए मांग रहे थे। करीब पांच से सात लाख रुपए देवा से उसके दोस्त मांग रहे थे। लेकिन देवा ने रुपए नहीं दिए थे।
देवा की हत्या के बाद जब कोटा में एमबीएस अस्पताल के बाहर बवाल हुआ और आगजनी हुई तो उसके बाद पुलिस ने कई केस दर्ज किए हैं। पांच सौ से भी ज्यादा लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर अब वीडियो और अन्य माध्यमों से उनकी तलाश की जा रही है। बताया जा रहा है कि इनमें से अधिकतर अन्य शहरों के निवासी थे। जो सोशल मीडिया पर वारयल हुए मैसेज के बाद कोटा पहुंचे थे।