जयपुर

Rajasthan: बजट पूरा फिर भी बेटियों को क्यों मिल रहा आधा हक? स्कूलों में नहीं मिल पाई अलग से टॉयलेट की सुविधा

पिछले वित्तीय वर्ष में ही केंद्र सरकार ने योजना के तहत 8.96 करोड़ का बजट प्रावधान किया, इसमें से 5 करोड़ ही खर्च हो पाए।

जयपुरJan 24, 2025 / 07:37 am

Lokendra Sainger

toilet facilities

गिर्राज शर्मा
जयपुर। बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओ योजना को दस साल हो गए। इन 10 साल में बेटियों को शिक्षित करने और उन्हें बचाने के लिए केंद्र से भरपूर बजट मिला है, लेकिन धरातल पर उसका पूरा असर नजर नहीं आया। लिंगानुपात में थोड़ा सुधार जरूर हुआ है, लेकिन बेटियों को शिक्षित करने के मामले में खास काम नहीं हो पाया। स्कूली नामांकन दर में वृद्धि 7 फीसदी भी नहीं हो पाई है। बेटियों के लिए स्कूलों में अलग से टॉयलेट की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है। ऐसे में 10 साल बाद भी बेटियों को पूरा हक नहीं मिल पा रहा है।
योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से बेटियों को बचाने और उन्हें शिक्षित करने को लेकर बजट उपलब्ध करवाया जाता है, पिछले 10 साल में किसी भी साल में बजट का 70% भी खर्च नहीं हो पाया है। पिछले वित्तीय वर्ष में ही केंद्र सरकार ने योजना के तहत 8.96 करोड़ का बजट प्रावधान किया, इसमें से 5 करोड़ ही खर्च हो पाए। योजना के तहत बेटियों का माध्यमिक शिक्षा में 82 प्रतिशत नामांकन का लक्ष्य तय किया गया, जो दस साल में 75.80 प्रतिशत ही हासिल कर पाए। जबकि साल 2015-16 में बेटियों का नामांकन प्रतिशत 69.65 प्रतिशत था। ऐसे में 10 साल में 7 प्रतिशत नामांकन भी नहीं बढ़ा पाए।

बजट मिला, टॉयलेट नहीं बने

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत स्कूलों में बेटियों के लिए अलग से टॉयलेट की सुविधा का प्रावधान है, लेकिन बजट मिलने के बाद भी स्कूलों में टॉयलेट नहीं बन पाए हैं। वर्ष 2022-23 के आंकड़ों के अनुसार 92.69% स्कूलों में ही बेटियों के लिए अलग से टॉयलेट थे। सभी स्कूलों में बेटियों को अलग से टॉयलेट तक की सुविधा नहीं मिल पा रही है।

लिंगानुपात में थोड़ा सुधार

योजना के शुरू होने के दौरान साल 2015-16 में राजस्थान का लिंगानुपात 929 था, जो वर्ष 2023-24 में 941 हो गया। संस्थागत प्रसव 2015 में 84 प्रतिशत था, जो बढ़कर 95 प्रतिशत हो गया। प्रसव पूर्व देखभाल पंजीकरण 63 प्रतिशत से बढ़कर 77 प्रतिशत हो गया।
यह भी पढ़ें

आयुर्वेद विभाग ने बाहर से खरीद ली 11 करोड़ की दवाएं, जानें राजस्थान की रसायनशालाओं का कैसा हाल?

Hindi News / Jaipur / Rajasthan: बजट पूरा फिर भी बेटियों को क्यों मिल रहा आधा हक? स्कूलों में नहीं मिल पाई अलग से टॉयलेट की सुविधा

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.