इससे तेज रफ्तार वाहनों के लिए दुर्घटना का खतरा कई गुना बढ़ गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कोहरे के मौसम में तो यह खतरा और भी बढ़ जाता है। कम दृश्यता के कारण वाहन चालक अचानक मोड़ को नहीं देख पाते और दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। हाल ही में जयपुर में हुए भीषण सड़क हादसे ने इस बात की ओर इशारा किया है कि ऐसे डायवर्जन कितने खतरनाक हो सकते हैं। ओवरब्रिज से तेज रफ्तार से नीचे उतर रहे वाहनों से कोई भी बड़ा हादसा कभी भी हो सकता है।
स्थानीय लोगों की चिंता
मनोज कुमार, शीशराम यादव, अर्चना यादव सहित स्थानीय निवासी एनएचएआई व पुलिस प्रशासन की इस अनदेखी से काफी नाराज है। उनका कहना है कि उन्होंने कई बार इस समस्या को प्रशासन के समक्ष उठाया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि इन डायवर्जनों को जल्द से जल्द हटाया जाए और सड़क को सुरक्षित बनाया जाए।
डायवर्जन बना खतरा
इस मामले में पुलिस प्रशासन की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। प्रशासन को चाहिए कि वह इन डायवर्जनों को जल्द से जल्द हटाए और सड़क को सुरक्षित बनाए। साथ ही ओवरब्रिज निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि लोगों को इन डायवर्जनों का सामना न करना पड़े। बहरोड़ में नेशनल हाईवे पर बने मनमाने डायवर्जन लोगों के लिए गंभीर खतरा बन गए हैं। प्रशासन को इस समस्या पर तुरंत ध्यान देना चाहिए और लोगों की सुरक्षा तय करनी चाहिए। अन्यथा, जयपुर जैसा कोई बड़ा हादसा यहां भी हो सकता है।
बरत रहे है सजगता
हाईवे पर ओवरब्रिज निर्माण कार्य में तेजी लाने सहित वाहनों को कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए सजगता बरत रहे है। टीम को आवश्यक सुधार के लिए निर्देश देंगे।- एसके सिंह, साइट इंचार्ज हाईवे बहरोड़ यातायात विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मनमाने डायवर्जन सड़क सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं। उन्होंने कहा कि डायवर्जन बनाते समय सुरक्षा मानकों का पालन करना बहुत जरूरी होता है, लेकिन बहरोड़ में ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है। यहां पर किसी तरह की कोई चेतावनी बोर्ड, लाइट, रिफ्लेक्टर या अन्य कोई बचाव नहीं किया है। कई जगह सर्विस रोड पर यातायात बंद है, जिसके चलते स्थानीय वाहन भी हाईवे पर चलने के लिए प्रवेश करते है। उस समय दुर्घटना का सबसे ज्यादा खतरा बना रहता है।