भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, अगले चार दिनों तक कच्छ और सौराष्ट्र में भारी बारिश के साथ पूरे गुजरात में बारिश होने का अनुमान जताया गया है। चक्रवाती तूफान का सबसे ज्यादा असर कच्छ, जामनगर और देवभूमि द्वारका जिलों में पड़ेगा। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर तट के पास रहने वाले 74,000 से अधिक लोगों को स्थानांतरित कर दिया है और बचाव और राहत उपायों के लिए आपदा प्रबंधन इकाइयों को तैनात किया है। गुजरात के विभिन्न हिस्सों में एनडीआरएफ की 30 और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमों को तैनात किया गया है। इनमें सबसे ज्यादा टीम कच्छ में है। इसके अलावा अन्य विस्तृत तैयारियां भी की गई है।
उधर, कमांडर कोस्ट गार्ड रीजन-नॉर्थ वेस्ट के इंस्पेक्टर जनरल के ए.के. हरबोला ने बताया कि हमने गुजरात में 15 जहाज तैयार रखे हैं। 7 एयरक्राफ्ट भी तैयार हैं। लैंडफॉल की संभावना के चलते 27 आपदा प्रबंधन टीम भी तैयार की गई हैं। हम राज्य सरकार के साथ निरंतर संपर्क में हैं।
IMD दिल्ली के DG डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि कच्छ की खाड़ी से लगते हुए जितने भी जिले हैं, जैसे पोरबंदर, जामनगर, राजकोट और देवभूमि द्वारका आदि में चक्रवात का सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिलेगा। लैंडफॉल आज शाम 6 बजे के बाद से लेकर आधी रात तक जारी रहेगा। लैंडफॉल मांडवी और कराची के बीच जखाऊ पोर्ट के आसपास पश्चिम में होगा।
राजस्थान में 16 जून को प्रवेश:
जयपुर मौसम केंद्र के मुताबिक, 16 जून को बिपरजॉय कमजोर होकर डिप्रेशन के रूप में दक्षिण-पश्चिम राजस्थान में प्रवेश कर सकता है। इसके असर से जोधपुर और उदयपुर संभाग में कहीं- कहीं भारी बारिश की संभावना है। इस दौरान 45 से 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। मौसम विभाग ने बाड़मेर, जोधपुर, जालोर, नागौर, पाली के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। 16 जिलों में आरेंज और यलो अलर्ट जारी किया गया है, यहां भी भारी बारिश संभव। 17 जून को तूफान का सर्वाधिक असर रहेगा। चक्रवात का असर 19 जून तक बना रह सकता है।