हैरिटेज नगर निगम ने अग्निशमन केन्द्र बनीपार्क, अग्निशमन केन्द्र घाटगेट और अग्निशमन केन्द्र आमेर में केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। जबकि जयपुर ग्रेटर नगर निगम ने वीकेआई अग्निमशन केन्द्र, मालवीय नगर अग्निशमन केन्द्र और मानसरोवर अग्निशमन केन्द्र पर केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाए है। इन बाढ़ नियंत्रण केन्द्रों पर कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। हालांकि मिट्टी के कट्टे भरने के टेंडर जारी कर दिए गए है, जबकि अन्य संसाधन लगाए जा रहे है। ये बाढ़ नियंत्रण केन्द्र 24 घंटे कार्यरत रहेंगे। जोन कार्यालयों पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष शुरू करने के लिए सभी जोन उपायुक्तों को निर्देश जारी कर दिए गए है।
जयपुर ग्रेटर निगम में केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष
वीकेआई फायर स्टेशन
मालवीय नगर फायर स्टेशन
मानसरोवर फायर स्टेशन
हैरिटेज निगम के बाढ़ नियंत्रण केन्द्र
बनीपार्क फायर स्टेशन को सिविल लाइन जोन क्षेत्र के लिए बाढ़ नियंत्रण केन्द्र बनाया गया है।
घाटगेट फायर स्टेशन को किशनपोल जोन और आदर्श नगर जोन क्षेत्र के लिए बाढ़ नियंत्रण केन्द्र बनाया गया है।
आमेर फायर स्टेशन को हवामहल—आमेर जोन क्षेत्र के लिए बाढ़ नियंत्रण केन्द्र बनाया गया है।
अभी तक की तैयारी
बाढ़ नियंत्रण केन्द्रों पर निगम की ओर से आवश्यक व्यवस्थाएं करना शुरू कर दिया है। जयपुर ग्रेटर और हैरिटेज निगम ने अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। अधिकारियों कर्मचारियों की तीन पारियों में ड्यूटी लगाई जा रही है। हर बाढ़ नियंत्रण केन्द्र पर फायरमैन की तीन पारियों में ड्यूटी लगाई जा रही है। ग्रेटर निगम ने चार—चार फायर मैन नियुक्त किए है, जबकि हैरिटेज निगम ने भी फायर मैन तैनात कर दिए है। बनीपार्क बाढ़ नियंत्रण केंद्र पर 20,000 मिट्टी के कट्टे और घाटगेट व आमेर बाढ़ नियंत्रण केंद्र पर 15—15 हजार मिट्टी के कट्टे रखवाने के निर्देश दिए गए है।
जोन बाढ़ नियंत्रण केन्द्र
जोन कार्यालय पर नियमित रूप से बाढ़ नियंत्रण कक्ष कार्य करेगा, जिसके लिए जोन उपायुक्त अपने स्तर पर आदेश जारी करेंगे। इनके प्रभारी अधिकारी भी संबंधित जोन उपायुक्त होंगे। बरसात के मौसम में जब भी 5 सेमी से अधिक वर्षा हो तो जोन उपायुक्त व अन्य निगम अधिकारी स्थिति सामान्य होने पर बाढ़ नियंत्रण केंद्र के निरंतर संपर्क में रहेंगे।
जोन उपायुक्तों को तय की जिम्मेदारी
अपने—अपने जोन क्षेत्र में जब भी 5 सेमी से अधिक बारिश हो तो जोन उपायुक्त बाढ़ नियंत्रण कक्ष के सम्पर्क में रहेंगे।
बारिश के दौरान आम रास्ते, नाले, नालियों में किसी भी प्रकार की गंदगी या अवरोधक नहीं हो। पानी निकासी सुगमता से हो सके।
तेज बारिश के दौरान जल भराव के क्षेत्र चिह्नित कर वहां लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी जारी करना। साथ ही उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की जिम्मेदारी।
वैकल्पिक व्यवस्था के लिए निचले इलाकों में लोगों के लिए सार्वजनिक स्थान, कॉलेज, स्कूल, धर्मशाला आदि में व्यवस्था करना।
बाढ़ व तेज बहाव से सड़क पर कटाव होने, मिट्टी जमाव होने या गड्ढ़े होने पर तत्काल मरम्मत व सफाई करवाना।