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साइबर क्रिमिनल्स के टारगेट पर अब IAS टीना डाबी आई, इससे पहले ये IAS-IPS आए टारगेट पर..

प्रदेश में साइबर क्राइम लगातार बढ़ता जा रहा है।

जयपुरAug 12, 2022 / 02:58 pm

Manish Chaturvedi

साइबर क्रिमिनल्स के टारगेट पर अब IAS टीना डाबी आई, इससे पहले ये IAS-IPS आए टारगेट पर..

साइबर क्रिमिनल्स के टारगेट पर अब IAS टीना डाबी आई, इससे पहले ये IAS-IPS आए टारगेट पर..

जयपुर। प्रदेश में साइबर क्राइम लगातार बढ़ता जा रहा है। साइबर क्राइम की चपेट में हर साल लाखों लोग आ रहे हैं। साइबर अपराधियों के हौसले इतने बुलंद है कि अब ब्यूरोक्रेट्स को निशाना बना रहे है। इस सप्ताह जैसलमेर की कलेक्टर टीना डाबी के नाम साइबर ठगी के प्रयास का मामला सामने आया। जिनकी फोटो लगाकर वॉट्सएप के जरिए राज्य सरकार की अधिकारी से अमेजन गिफ्ट कार्ड मांगा गया। दूसरा मामला समाज कल्याण विभाग, जयपुर के निदेशक हरिमोहन मीणा के नाम से ठगी के प्रयास का आया। उनकी भी डीपी व्हाटस अप लगाकर अमेजन गिफ्ट कार्ड की मांग की गई। टीना डाबी के मामले में पुलिस ने गिरफ्तारी कर ली है। लेकिन दूसरे मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अब तक करीब एक दर्जन से ज्यादा ब्यूरोक्रेट्स साइबर ठगों के निशाने पर आ चुके है। इनमें एडीजी दिनेश एमएन, सीएस उषा शर्मा, आईपीएस बीएल सोनी, आईएएस अखिल अरोड़ा, आईएएस कुलदीप रांका, डीजीपी एमएल लाठर, डीओपी सचिव हेमंत गेरा, विधि विभाग के प्रमुख सचिव प्रवीण भटनागर, आईएएस मुग्धा सिंह व अन्य है। इसके अलावा सीएम अशोक गहलोत तक को साइबर ठग टारगेट कर चुके है। वहीं, मंत्री सालेह मोहम्मद, गोविंद राम मेघवाल व जाहिदा खान व अन्य के नाम से भी साइबर ठगी के प्रयास हो चुके है।

 

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स्टेट क्राइम रिकॉर्ड के अनुसार साल 2019 से लेकर 2021 तक प्रदेश में 4602 साइबर अपराध के मामले सामने आए हैं। इनमें से 836 मामलों में चालान पेश किया गया है। 2247 मामलों में एफआर लगा दी गई है। वही 1519 मामलों में अनुसंधान जारी है। प्रदेश में साल 2019 में 1756, साल 2020 में 1360 व साल 2021 में 1486 लोगों को साइबर क्रिमिनल्स ने अपना शिकार बनाया है। यह साइबर क्रिमिनल्स पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुके हैं। साइबर ठगी के कई प्रकरण ऐसे होते हैं। जिसमें ठगा गया अमाउंट काफी कम होता है। जिसके चलते उसकी शिकायत पुलिस में दर्ज नहीं करवाई जाती है। पुलिस के पास केवल उन्हीं मुख्य केसों की शिकायत आती है जिसमें ठगा गया अमाउंट हजार से लेकर लाखों रुपए में होता है।

बता दे साल 2021 में प्रदेश में साइबर क्राइम के 1486 मामले सामने आए हैं। जिसके अनुसार जयपुर कमिश्नरेट में सबसे ज्यादा 222 मामले दर्ज किए गए हैं। वही अजमेर में 98, अलवर में 106, बांसवाड़ा में 9, बारा में 22, बाड़मेर में 69, भरतपुर में 82, भीलवाड़ा में 43, भिवाड़ी में 28, बीकानेर में 12,, बूंदी में चार, चित्तौड़गढ़ में पांच, चूरू में तीन, दौसा में 58, धौलपुर में चार, डूंगरपुर में एक, गंगानगर में 37, हनुमानगढ़ में 6, जैसलमेर में 7, झालावाड़ में 12, झुंझुनू में 25, जयपुर ग्रामीण में 56, जोधपुर में 151, जोधपुर ग्रामीण में 69, करौली में 34, कोटा शहर में 35, नागौर में 26, पाली में पांच उदयपुर में 9, सीकर में 165 साइबर क्राइम के मामले सामने आए हैं।

 

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टोल फ्री नंबर 155260 पर करे शिकायत..

जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के अभय कमांड सेंटर में साइबर फाइनेंसियल फ्रॉड प्रिवेंशन यूनिट की हेल्पलाइन 155260 का सेंट्रलाइज्ड सेंटर स्थापित है। जहां पर पूरे प्रदेश में लोगों के साथ होने वाली साइबर ठगी और फाइनेंसियल फ्रॉड की शिकायतें प्राप्त होती है। यह हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे काम करता है।

इनका कहना है…

साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। साइबर क्रिमिनल्स अब ब्यूरोक्रेसी और पॉलिटिशियन को निशाना बना रहे हैं। सरकार को साइबर एक्सपर्ट्स की संख्या बढ़ाने चाहिए। अन्यथा साइबर क्राइम को कम नहीं किया जा सकता है।

जयदीप शर्मा, साइबर एक्सपर्ट

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