पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि 18 अगस्त को अनुज अपने साथी के साथ नाहरगढ़ पहाड़ी पर घूमने गया था। इस दौरान वहां मौजूद बदमाशों ने अनुज व उसके साथी का अपहरण कर लिया। अनुज के साथी सोनी के साथ मारपीट पर रास्ते में पटक कर चले गए। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को किडनैप की जानकारी दी।
इसके बाद पुलिस बदमाशों की तलाश में जुटी। इस दौरान अपहरणकर्ताओं ने अनुज के परिवार से संपर्क कर 20 लाख रूपए की फिरौती मांगी। इस दौरान पुलिस फोन नंबर को ट्रेस कर अपहरणकर्ताओं की तलाश में जुटी रही। लेकिन अपहरणकर्ता पुलिस को छकाने के लिए लगातार लोकेशन बदलते रहे।
युवक की मां ने बदमाशों से बात की और पुलिस ने 20 लाख रुपए की बनावटी फिरौती राशि के बैग का इंतजाम किया। मां के साथ पुलिस की एक टीम को चंडीगढ़ रवाना किया गया. इस दौरान हालात लगातार बदल रहे थे। ऐसे में चंडीगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर पुलिस की टीम तैनात की गई।
अपहृत युवक की मां ममता के पास बदमाशों का 24 अगस्त की रात को कॉल आया और उन्होंने उन्हें कालका-शिमला एक्सप्रेस के आखिरी कोच में बैठने को कहा। इस पर पुलिस ने ट्रेन और ट्रेन के रूट पर अलग-अलग जाब्ता तैनात किया। बदमाशों ने वापस कॉल कर फिरौती की रकम धर्मपुर रेलवे स्टेशन के आसपास फेंकने को कहा। फिरौती का बैग लेने आए व्यक्ति का पीछा कर पुलिस ने उसे दबोच लिया। इसके बाद उसके बाकि साथियों को भी पकड़ लिया। एक आरोपी की पुलिस तलाश में जुटी है।
बता दें कि वारदात का मास्टरमाइंड सॉफ्टवेयर इंजीनियर विरेंद्र सिंह है। जिसने जल्द पैसा कमाने के लिए साथियों के साथ मिलकर अपहरण कर फिरौती की साजिश रची।