मामला कुछ इस तरह था
मामला कुछ इस तरह है कि महिला डॉक्टर अक्षिता की
मैटरनिटी लीव को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने अस्वीकृत कर दिया। साथ ही उनकी ज्वाइनिंग भी दोबारा नहीं करवाई। इस पर याचिकाकर्ता डॉक्टर अक्षिता ने सिविल सर्विसेज अपील ट्रिब्यूनल में गुहार लगाई। याचिका में ट्रिब्यूनल से अनुरोध किया गया कि याचिकाकर्ता की 180 दिन की मैटरनिटी लीव स्वीकृत कर फिर से ऑफिस जॉइन करवाने के निर्देश दिए जाएं।
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याचिकाकर्ता के वकील संदीप कलवानिया ने बताया, डॉ. अक्षिता 17 अगस्त 2023 को पीएचसी सकराय ब्लॉक पिपराली (
सीकर) में कार्यग्रहण किया था। 18 फरवरी 2024 को डॉ.अक्षिता ने एक बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद उन्होंने मैटरनिटी लीव के लिए बीसीएमओ पिपराली और सीएमएचओ सीकर को प्रार्थना पत्र दिया। पर, दोनों ने ही कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद हमें राजस्थान सिविल सर्विसेज अपील ट्रिब्यूनल (रेट) का दरवाजा खटखटाना पड़ा।