बात दें कि बांसवाड़ा लोकसभा सीट से राजकुमार रोत सांसद निवार्चित हुए है। इसके पहले चौरासी विधानसभा से भारत आदिवासी पार्टी के विधायक थे। सांसद बनने के बाद विधानसभा सीट खाली हो गई है। इसे अलावा प्रदेश की 4 विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव होने है। माना जा रहा है कि नंबवर में इन सभी सीटों पर उपचुनाव हो सकते है।
चौरासी विधानसभा सीट पर होने वाले
उपचुनाव को लेकर सांसद राजकुमार ने रोत साफ कर दिया है कि भारत आदिवासी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। इस सीट पर सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने प्रभारी नियुक्त कर दिए है। यहां तक कांग्रेस और बाप ने अपने-अपने प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है। ऐसे में इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है।
चौरासी विधानसभा सीट का इतिहास
डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा में भारत आदिवासी पार्टी की स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है। इस उपचुनाव में बाप इस सीट पर कब्जा बनाए रखने का पूरा पूरा प्रयास करेगी। वहीं, सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा इस बार भी बाप के गढ़ को ढहाने की कोशिश में चुनावी मैदान में उतरेगी।
चौरासी विधानसभा सीट पर पिछले दो चुनावों से भारत आदिवासी पार्टी का कब्जा रहा है। बाप के राजकुमार रोत यहां से लगातार दूसरी बार विधायक बने थे। पिछले चुनाव में राजकुमार रोत ने भाजपा के सुशील कटारा को 70 हजार वोटों से हराया था।
चौरासी से कौन होगा प्रत्याशी?
बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से विधायक राजकुमार रोत के सांसद बनने के बाद चौरासी विधानसभा सीट खाली हो गई है। इस विधानसभा सीट पर बाप पार्टी से कांतिलाल रोत या मोहनलाल रोत प्रत्याशी हो सकते है। वहीं, कांग्रेस से ताराचंद भगोरा तो बीजेपी से सुशील कटारा को टिकट मिल सकता है तो वहीं, माना जा रहा है कि भाजपा महेंद्रजीत मालवीया को फिर चुनाव लड़वा सकती है।