मुख्य सचिव शर्मा शुक्रवार को सचिवालय में राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर के निर्माण की प्रगति की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि सेंटर को दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर की तर्ज पर विकसित किया जाए। सेंटर के संचालन के लिए विशेष टीम बनाई जाए, जिसमें इस सेक्टर से जुड़े अनुभवी लोगों को जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि सेंटर के इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर यहां की सुविधाओं और सेवाओं में गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार समझौता नहीं किया जाना चाहिये।
जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त रवि जैन ने बताया कि राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में पूरे प्रदेश की कला स्थापत्य की खूबसूरती एक छत के नीचे दिखेगी। उन्होंने बताया कि यहां ऑडिटोरियम, कन्वेंशन हॉल, क्रॉन्फ्रेंस हॉल का निर्माण किया जा रहा है, जहां कांफ्रेंस व सेमिनार के आयोजन की विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने बताया कि यहां राजस्थान के मॉन्यूमेंट्स के ध्यान में रखकर निर्माण किया जा रहा है। आधुनिक और नवीनतम विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ-साथ यहां राज्य की कला और स्थापत्य की भी झलक देखने को मिलेगी। ऑडिटोरियम की दीवारें जैसलमेर की पटवाओं की हवेली की बनी जाली पर आधारित होंगी। कन्वेंशन हॉल व प्री-फंक्शन एरिया में सिटी पैलेस के झरोखे व हवा महल की खिड़कियां दिखेंगी। उन्होंने बताया कि मिनी ऑडिटोरियम को मारवाड़ पैटर्न के अनुसार बनाया गया है। कांफ्रेंस हॉल को जोधपुर के मारवाड स्टाइल में बनाया जा रहा है, जहां मंडोर उद्यान के पारम्परिक मेहराब व स्मारक की झलक दिखाई देगी। सेंटर की ई -लाइब्रेरी पूरी तरह आधुनिक रूप में होगी जहां देश और दुनिया की बेहतरीन किताबें उपलब्ध होंगी। उन्होंने बताया कि सेंटर में लैक्चर रूम्स तथा रेस्टोरेंट्स का निर्माण भी किया जा रहा है।बैठक में स्वायत्त शासन, नगरीय विकास और आवासन मंडल के सलाहकार जीएस सन्धू भी उपस्थित रहे।