गहलोत ने जेईसीसी में एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि जनगणना राज्य सरकार नहीं करवा सकती है, हम सर्वे करवाएंगे जिसके जरिए परिवारों की आर्थिक स्थिति का पता चल जाएगा। ये हमारी पार्टी का स्टैंड भी हैं जिसे आगे बढ़ा रहे हैं। गहलोत ने कहा कि जातिगत सर्वे के मामले में आचार संहिता कहीं भी आड़े नहीं आएगी, जो पैटर्न बिहार में अपनाया गया है वही हम अपनाएंगे।
सर्वे से ही जरूरतमंदों का पता चलेगा
गहलोत ने कहा कि देश में आज सामाजिक सुरक्षा का अधिकार कानून लागू होना चाहिए लेकिन सोशल सिक्योरिटी किसे मिले, इसका पता जातिगत सर्वे से ही चलेगा। सर्वे हो गया तो पता चल जाएगा कि किसको इसकी जरूरत है, सर्वे होने के बाद घर बैठे ही जरूरतमंदों को सहायता मिलना शुरू हो जाएगी।
हमारी योजनाएं की खामियां नहीं निकाल पा रहे प्रधानमंत्री
गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री भी मान गए हैं कि हमारी योजनाएं शानदार हैं, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने हमारी योजनाओं को बंद नहीं करने की बात कही है, उनके पास हमारी योजनाओं की खामियां निकालने के लिए शब्द नहीं है, इसलिए अब वे लाल डायरी और पीली डायरी की बात कर रहे हैं।भाजपा के प्रदेश नेताओं को चाहिए कि वे प्रधानमंत्री और केंद्रीय नेताओं को बताएं कि राजस्थान के मुद्दे क्या है, जानकारी के अभाव में भाजपा के केंद्रीय मंत्री और नेता अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।
गजेंद्र सिंह से माफी क्यों मांगू
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह से माफी के सवाल पर गहलोत ने कहा कि मैं गजेंद्र सिंह से माफी क्यों मांगू, माफी तो गजेंद्र सिंह को संजीवनी सोसाइटी के पीड़ितों से मांगनी चाहिए जिनकी जमा पूंजी डूब गई, मैं उनसे एक बार नहीं बल्कि 25 बार माफी मांग लूंगा, अगर वे पीड़ित परिवार की मदद करें। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बयान को लेकर गहलोत ने कहा कि उपराष्ट्रपति मेरे घर आएं मैं उनका स्वागत करूंगा। भैरों सिंह शेखावत के बाद धनकड़ राजस्थान से दूसरे उपराष्ट्रपति बने हैं, उनके परिवार से मेरे 50 साल से संबंध हैं, मैंने उनकी यात्राओं को लेकर जो कहा, वो सोच-समझ कर कहा था।
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