रेल परियोजनाओं के कार्यों पर चर्चा इस मौके पर गहलोत ने मुख्यमंत्री कार्यालय में राज्य की महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं के कार्यों पर चर्चा करते हुए कहा कि डूंगरपुर-रतलाम वाया बांसवाड़ा, अजमेर (नसीराबाद) से सवाई माधोपुर (चौथ का बरवाड़ा) वाया टोंक, धौलपुर सरमथुरा आमान परिवर्तन एवं गंगापुर सिटी तक विस्तार की परियोजनाओं के पूरा होने से इन क्षेत्रों के लोगों को आवागमन में सुविधा होगी। साथ ही इन क्षेत्रों के विकास को भी गति मिलेगी।
गहलोत ने कहा कि डूंगरपुर-रतलाम-बांसवाड़ा रेल लाइन की महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण की लागत का भुगतान करने के लिए तैयार है। यदि केन्द्र सरकार इसकी निर्माण लागत वहन करने में सहयोग करे तो प्रदेश के आदिवासी क्षेत्र को रेल लाइन से जोड़ने की इस अहम परियोजना को पूरा करने में आसानी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पिछली सरकार के समय बांसवाड़ा तथा डूंगरपुर को रेल लाइन से जोड़ने के कार्य शिलान्यास भी किया गया था।
सीएम ने अजमेर (नसीराबाद) से सवाई माधोपुर (चौथ का बरवाड़ा) वाया टोंक नई रेल लाइन परियोजना को पूरा करने तथा भीलवाड़ा के गुलाबपुरा में मेमू कोच फैक्ट्री की स्थापना पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 के समय हमारी सरकार ने कोच फैक्ट्री के लिए 323 हैक्टेयर भूमि निशुल्क आवंटित की थी एवं शिलान्यास भी हो गया था।
परियोजनाओं को गति देने के प्रयास करें बैठक में जोधपुर में नई सड़क-मोहनपुरा रेलवे ओवरब्रिज के पुनर्निर्माण कार्य की समीक्षा की गई। गहलोत ने कहा कि सघन यातायात को देखते हुए इसे शीघ्र पूरा करने के प्रयास होने चाहिएं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में रेलवे ओवर ब्रिज तथा अंडर ब्रिज के निर्माण कार्यों, रेल लाइनों के विद्युतीकरण, डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के कार्यों पर भी चर्चा की तथा इनके कार्यों को गति देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में रेल नेटवर्क के विस्तार में पूरा सहयोग करेगी। साथ ही कहा कि मुख्य सचिव तथा उत्तर-पश्चिम रेलवे के महाप्रबन्धक प्रत्येक तीन माह में बैठक कर रेल परियोजनाओं को गति देने के प्रयास करें।
यह हुए शामिल इस दौरान उत्तर-पश्चिम रेलवे के महाप्रबन्धक आनंद प्रकाश, प्रमुख सचिव ऊर्जा कुंजीलाल मीणा, परिवहन आयुक्त राजेश यादव, अजमेर के डीआरएम नवीन कुमार परशुरामका, मुख्य अभियंता निर्माण सीएल मीणा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।