सीएम गहलोत ने पहले ट्वीट में लिखा कि मुस्लिम समुदाय का व्यक्ति संस्कृत में स्कॉलर बना है। ऐसे में बीजेपी और आरएसएस सबको इसका स्वागत करना चाहिए था, हिन्दू समाज के लिए गर्व की बात होनी चाहिए थी। बनारस तो गंगा-जमुनी संस्कृति का ध्वजवाहक माना गया है।
उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, हमारे देश में हिन्दू भी जाने-माने शायर हुए हैं, जब एक-दूसरे के धर्म में इस प्रकार से रूचि रखते हैं, एक्सपर्टाइज करते हैं तो ऐसे में तो दायरा व्यापक हो जाता है, हम सर्वधर्म समभाव की बात करते हैं इससे हमारे समाज में सर्वधर्म का ताना-बाना मजबूत होता है और यह देशहित में है।
तीसरे ट्वीट में सीएम गहलोत ने लिखा, मैं यूपी चीफ मिनिस्टर और डिप्टी सीएम के संपर्क में हूं। बीएचयू में डॉ फिरोज खान द्वारा संस्कृत पढ़ाने को लेकर जो इश्यू बना हुआ है वह जल्द ही समाप्त किया जाना चाहिए, यूपी चीफ मिनिस्टर और डिप्टी सीएम को इस पर इंटरवीन करना चाहिए।