मामले की जांच कोतवाली थानाधिकारी ओम प्रकाश मातवा कर रहे हैं। पहले तीन बच्चों के साथ यौन शोषण होने की जानकारी मिली थी और बाद में इसकी संख्या बढ़कर आठ हो चुकी हैं। चाईल्ड लाइन के सदस्यों ने बताया कि जयपुर और आसपास के जिलों के बच्चे यहां रह रहे हैं। उनको किसी भी माध्यम से पैसा नहीं मिलता था। उसके बाद भी उन तक शराब और अन्य मादक पदार्थ पहुंच जाते थे। जबकि इस बारे में आश्रम चलाने वालों को भी जानकारी थीं। लेकिन उसके बाद भी किसी ने नहीं टोका। बताया जा रहा है कि आश्रम चलाने वाले कुछ लोग और यहां का स्टाफ ही बच्चों को नशा उपलब्ध कराते थे। वे कौन लोग थे इस बारे में पडताल की जा रही है।
सोशल मीडिया पर मामला खुलने के बाद जब पुलिस और चाइल्ड लाइन की टीमें वहां पहुंची तो बच्चों से बातचीत कर दंग रह गई। उनका कहना था कि बच्चों के साथ कुछ लोग यौन अत्याचार करते थे। उनको नशे मे भी रखा जाता था। कई बार तो देर रात तक जागना होता था। इस बारे में आश्रम संचालक करने वाले लगभग सभी लोगों को जानकारी थी लेकिन उसके बाद भी किसी ने इसे लीक नहीं किया। अब बहुत से लोगों की गिरफ्तारी संभव है।
इस बीच स्थानीय लोगों के बीच एक और चर्चा है कि जिस भवन में आश्रम खुला हुआ है वह भवन शहर के बीचों बीच है। उसकी वैल्यू भी करोड़ों में है। कहीं यह पूरी साजिश तो नहीं है ताकि भवन को खाली कराया जा सके और इसे अन्य उपयोग में लिया जा सके। हांलाकि इस बारे में फिलहाल पुलिस ने कोई जवाब नहीं दिया है।