अगर मरीज अकेला है या फिर परिजन ब्लड बैंक नहीं पहुंच सकते तो अस्पताल में भी ब्लड पहुंचाने की सुुविधा भी दी जाएगी। इसके तहत जैसे ही ब्लड बैंक में मरीज की एप्लीकेशन जाएगी। नर्सिंग स्टॉफ मरीज के पास सैंपल लेने आएगा। इतना ही नहीं, सैंपल की जांच के बाद वापस ब्लड बैंक से रक्त मरीज तक पहुंचाया जाएगा।
प्रोफेसर और ईएचआर लॉजिक के सह-संस्थापक रवि शंकर शर्मा के अनुसार ब्लड बैंक का डिजिटलाइजेशन नहीं है। यह प्रक्रिया आज भी ऑफलाइन है। इसका नुकसान मरीज उठा रहे हैं। ब्लड की कालाबाजरी भी हो रही है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए यह स्टार्टअप शुरू किया है। निदेशक वीरेंद्र प्रताप ने बताया कि उन्हीं ब्लड बैंक को जोड़ा जा रहा है, जिनके पास ब्लड का स्टोरेज हैं, मरीज को ब्लड लेते समय किसी का भी ब्लड डोनेट नहीं करना पड़ेगा।