मीडिया ने रविंद्र सिंह भाटी के सरकार के विरोधी होने को लेकर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि ‘वो करेगा ना, फ्री है, विरोध में है, छुट्टा सांड होता है ना तो अब क्या करें कुछ भी करें।’
भाजपा के लिए नासूर बने भाटी
विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने विधानसभा चुनाव में शिव से भाजपा प्रत्याशी व वर्तमान जिलाध्यक्ष स्वरूप सिंह खारा को भारी मतों से हराया। जिसके बाद लोकसभा चुनाव में भाटी ने सीएम भजनलाल शर्मा और भाजपा के पदाधिकारियों की बातों को दरकिनार करते हुए बाड़मेर सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा। जिसके परिणामस्वरूप त्रिकोणीय मुकाबले के चलते भाजपा उम्मीदवार कैलाश चौधरी चुनाव हार गए। हालांकि भाजपा ने रविंद्र सिंह भाटी को विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी ज्वॉइन करवाई थी। माना जाता है कि टिकट नहीं मिलने के चलते बागी होने का रास्ता अपनाया और आज भाजपा के लिए नासूर बने हुए है।
यह भी पढ़ें