राजनीतिक विरोधी भी करते थे सादगी की तारीफ सीकर के पुरोहितजी की ढाणी निवासी मदन लाल सैनी ने राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई। उनकी सादगी का हर कोई कायल था। सैनी की पहचान संगठन के जमीन से जुड़े कार्यकर्ता के रूप में रही। अक्सर जब सैनी जयपुर से सीकर जाते तो अधिकतर राजस्थान रोडवेज की बसों में सफर करते थे। कई बार कार्यकर्ताओं और साथियों के आग्रह पर भी अपने निजी वाहन की बजाय सैनी बस में ही सफर पसंद करते थे। सैनी के राजनीतिक विरोधी भी उनकी इस सादगी भरी आदत की तारीफ किए बिना नहीं रहते थे।
यह भी पढ़ें.. BJP प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल सैनी का निधन, राज्यसभा सांसद चुने जाने से पहले रोडवेज बस में ही करते थे सफर, जानें खास बातें पूरे शेखावाटी ने मनाया था जश्नलम्बी खींचतान के बाद जून 2018 में सैनी को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की कमान सौंपी गई थी। तब सैनी के प्रदेशाध्यक्ष बनने की घोषणा के साथ ही पूरे शेखावाटी में खुशी की लहर दौड़ गई और चारों ओर जश्न का माहौल हो गया था।
इस तरह की थी राजनीतिक जीवन की शुरूआत
साल 1970 मे विधि स्नातक कर वकालत करने वाले सैनी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत विधार्थी परिषद के जिला और प्रदेश पदाधिकारी बनने से की थी। प्रदेश के मजदूरों के लिए भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री बनकर सैनी ने लम्बे संघर्ष के बल पर राज्य में अपनी अलग पहचान बनाई। इसके बाद वह कई अहम पदों पर रहे और राज्यसभा सांसद बनने के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद तक पहुंचे।
10वीं कक्षा में ही हो गई थी शादी मदन लाल सैनी की पत्नी पतासी देवी ने पत्रिका को दिए एक साक्षात्कार में बताया था कि जब सैनी दसवीं में पढ़ते थे तब ही शादी हो गई थी। शादी के बाद में ही बीए, एमए व वकालत की। कई पदों पर रहे। घर से ज्यादा पार्टी को समय दिया।