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अध्यक्ष बनते ही पहले शब्द ये बोले
अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने के बाद देवनानी ने विधायकों से बधाई ली। भाजपा सहित अन्य दलों के विधायकों ने कतार लगाकर देवनानी के पास जाकर बधाई दी। विधानसभा के मार्शल ने विधायकों को रोकने की कोशिश भी की, लेकिन व्यवस्था नहीं बन सकी। आखिरकार विधानसभा अध्यक्ष को ही खड़े होकर बोलना पड़ा कि ‘आसन पांव पर हैं, सब अपनी सीट पर जाकर बैठ जाएं।’
विधायकों की एक ही मांग, बोलने का दें समय
सदन में देवनानी को अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाया गया तो करीब बीस विधायकों ने उनके सम्मान में अपनी बात रखी। इस दौरान कई निर्दलीय, छोटे दलों के विधायकों ने देवनानी से मांग की कि उनको भी बोलने का पूरा मौका दिया जाए, जिससे सरकार तक वे अपनी बात पहुंचा सकें। पर्ची सिस्टम भी फिर से शुरू करने की मांग उठी।
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अध्ययन करने की आदत डालें, नियमों का पालन करें
देवनानी ने कहा, अध्यक्ष पद पर बैठने के बाद नियमों और परम्पराओं से यह सदन चलेगा। उनकी कोशिश रहेगी कि यह सदन देश के सर्वश्रेष्ठ सदनों में से एक बने। सदन की गरिमा बनी रहे। सभी से सहयोग की अपेक्षा है। सभी विधायकों से निवेदन है कि वे सदन चलते समय पूरे दिन बैठें। कई नए सदस्य जीत कर आए हैं। सभी को अध्ययन करने की आदत डालनी चाहिए, जिससे नियमों की जानकारी हो। विशेष रूप से नियम 269 को जरूर पढ़ना चाहिए। नए विधायकों के लिए दो दिन की कार्यशाला करवाने की भी सोच रहे हैं। देवनानी ने कहा कि वे शिक्षक रहे हैं, जिस तरह से कॉपी जांचते समय निष्पक्ष भूमिका में रहा। उसी तरह सदन में भी निष्पक्ष रहकर काम करूंगा।