कांग्रेस-भाजपा चुनाव प्रचार की तेजी के साथ ही बूथ स्तर पर ज्यादा फोकस कर रही है। दोनों ही दलों के नेताओं का मानना है कि बूथ मजबूत होगा तो ही चुनाव जीता जा सकता है। इसके लिए बूथ स्तर पर लगातार मॉनिटरिंग हो रही है। वीडियो कांफ्रेंस के जरिए कामकाज की समीक्षा की जा रही है। इसके अलावा भाजपा में लोगों का समर्थन पाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का घर-घर पत्र बांट रही है, तो कांग्रेस ने गारंटी पत्र बांटना शुरू कर दिया है।
भाजपा पहले चरण की चूरू, झुंझुनूं और दौसा को पार्टी टक्कर में मान कर चल रही है। चूरू में पार्टी के लिए जातिगत समीकरण साधने के अलावा अन्य वोटों को भी साधना है। यहां पार्टी प्रत्याशी की जीत के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी की सभा भी करवाई जा चुकी है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ को भी यहीं तैनात कर रखा है।
इसके अलावा झुंझुनूं और दौसा में भी पार्टी मान कर चल रही है कि टक्कर हो सकती है। झुंझूनूं लोकसभा के लिए भी पीएम चूरू में ही सभा कर चुके हैं। राजनाथ सिंह भी सभा कर चुके हैं। बारह अप्रेल को दौसा में सामान्य वर्ग के वोटों को साधने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी का शहर में रोड शो करवाया जा रहा है। सीएम और किरोड़ी लाल मीना ने भी दौसा सीट पर विशेष नजर बनाई है।
यहां स्थिति मजबूत– श्रीगंगानगर, बीकानेर, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली- धौलपुर, नागौर।
यहां टक्कर– चूरू, झुंझुनूं, दौसा
लोकसभा चुनाव में लगातार दो बार से सभी 25 सीटों पर हार का सामना करती आ रही कांग्रेस इस बार खाता खोलने को लेकर आतुर है। इसलिए कांग्रेस मजबूत सीटों पर ही ज्यादा ध्यान देने की रणनीति पर काम कर रही है। कांग्रेस ने दो सीटों पर गठबंधन भी किया है। इनमें से आरएलपी के गठबंधन वाली सीट नागौर पर पार्टी अपनी अच्छी स्थिति मानकर चल रही है।
इसके अलावा चूरू, झुंझुनूं, दौसा, श्रीगंगानगर, भरतपुर की सीटों को पार्टी ए श्रेणी में मान रही है। सूत्रों के मुताबिक मजबूत सीटों को लेकर ही पार्टी बड़े नेताओं के दौरे के साथ क्षेत्रीय नेताओं को डिमांड के अनुसार प्रचार के लिए भेज रही है। बाबाओं और धार्मिक नेताओं को लेकर भी यहां सभाएं व प्रचार कराया जा रहा है। इनमें से कुछ सीटों पर जल्दी रोड-शो भी कराए जाएंगे।
यहां मजबूत– चूरू, झुंझुनूं, दौसा, श्रीगंगानगर, भरतपुर, नागौर।
यहां टक्कर– बीकानेर, सीकर, जयपुर ग्रामीण जयपुर, अलवर, करौली- धौलपुर।