राजस्थान में 810 बांधों में आया 75.28 फीसदी पानी, बीसलपुर बांध के गेट खोलने की तैयारी पूरी
राजस्थान में मानसून की मेहरबान है। इसका असर प्रदेश के बांधों पर देखने को मिल रहा है। प्रदेश के 810 बांधों में 75.28 फीसदी पानी की आवक हो गई है। पिछली साल 2018 में 18 अगस्त तक 45.97 फीसदी पानी की आवक हुई थी।
हरोडेम ( टो ड्रोन कैमरा मैन दिनेश बुनकर के साथ विनोद नायक)
जयपुर। राजस्थान में मानसून की मेहरबान है। इसका असर प्रदेश के बांधों पर देखने को मिल रहा है। प्रदेश के 810 बांधों में 75.28 फीसदी पानी की आवक हो गई है। पिछली साल 2018 में 18 अगस्त तक 45.97 फीसदी पानी की आवक हुई थी।
इस बार पिछली साल से 29.31 फीसदी पानी ज्यादा आया है। इतना ही नहीं जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर संभाग के बांधों में भी पिछली साल से ज्यादा पानी आया है। प्रदेश के 810 बांधों में से 244 बांधों पर चादर चल रही है। वहीं दूसरी ओर 365 बांध आंशिक रूप से भरे हैं।
201 बांध अभी भी खाली हैं। प्रदेश में बारिश का आंकड़ा देखें तो 12 जिलों में 60 फीसदी से ज्यादा बारिश हो चुकी है। इनमें बारां, चित्तौडगढ़, चूरू, दौसा, डूंगरपुर, जयपुर, झालावाड़, जोधपुर, कोटा, सवाईमाधोपुर, टोंक, उदयपुर शमिल हैं।
बीसलपुर बांध: गेट खोलने की तैयारी पूरी राजमहल. बीसलपुर बांध के कैचमेंट एरिया सहित जलभराव क्षेत्र में पिछले 3 दिनों से मानसून की मेहरबानी के चलते बांध में हो रही पानी की आवक को लेकर बांध का गेज 2016 के बाद सोमवार को पांचवी बार छलकने के कगार पर है। इसी प्रकार बांध परियोजना की ओर से भी बांध के गेट खोलने को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।
बांध के गेट खोलने को लेकर रविवार को जिला कलक्टर टोंक आरसी डेनवाल ने बीसलपुर बांध स्थल पर पहुंचकर बांध परियोजना अधिकारियों से चर्चा की। बांध का गेज रविवार शाम चार बजे तक 315.15 आरएल मीटर दर्ज किया गया है। बांध का कुल भराव गेज 315.50 आरएल मीटर में दर्ज किया जाता है। बांध की मुख्य दीवार पर कुल 18 गेट है। जो 15 मीटर लंबाई व 14 मीटर ऊंचाई के बने है।
IMAGE CREDIT: पत्रिका48 घंटे बाद नदी में मिला युवक का शव पाली के रोहट में जालोर मार्ग पर बांडी नदी गढ़वाड़ा रपट से बह गए मोटरसाइकिल सवार को 48 घंटे बाद पुलिस, एसडीआरएफ व प्रशासन की टीम ने निकाला। उपखण्ड अधिकारी संघमित्रा बहरडिय़ा ने बताया कि 16 अगस्त को बाड़मेर के कीड़ा निवासी हड़मानराम (32) पुत्र मेघाराम जाट मोटरसाइकिल के साथ बह गया था।
धौलपुर में भैसेना पंचायत के भमरौली रपट पर चम्बल नदी का पानी भर जाने से तीन दिन से गांव का अन्य गांवों के अलावा धौलपुर जिला मुख्यालय से सम्पर्क कटा हुआ है। ग्रामीण रोजमर्रा सामान के लिए ट्यूब पर बैठकर पानी को पार कर रहे हैं।
फोटो- महेशबिहारी शर्मा डोन सहयोग- ललित चतुर्वेदी IMAGE CREDIT: बारिश से नष्ट हो गई फसलें, शुरू किया सर्वे बूंदी. अतिवृष्टि से बूंदी जिले में सैकड़ों बीघा फसल नष्ट हो गई। सर्वाधिक खराबा मक्का, उड़द और सोयाबीन में हुआ है। कई खेतों में मक्का की खड़ी फसल टूट गई। कृषि विभाग ने भी स्वीकारा कि तेज बारिश से फसलें खराब हो गई। जिले के कृषि अधिकारियों ने नुकसान की सर्वे रिपोर्ट बनाना शुरू कर दिया।
लोकसभा अध्यक्ष ने देखा फसलों की तबाही का मंजर कोटा. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को सांगोद विधानसभा क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों का दौराकर अतिवृष्टि से खराब हुई फसलों का जायजा लिया। पानी भरने से खेत तलैया बन गए हैं। लगातार पानी भरा होने से फसलें गल गई है।
बिरला ने मौके से ही राज्य के मुख्य सचिव और केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों से फोन पर बात कर अतिवृष्टि से फसलों के खराबे और गांवों में घरों में हुए नुकसान का सर्वे करवाने का कहा।
बिरला ने सांगोद के पूर्व विधायक हीरालाल नागर व अधिकारियों के साथ सांगोद क्षेत्र के कुराड़, खजूरी, देवली, बालूहेड़ा आदि गांवों के खेतों में जाकर फसलों का जायजा लिया। बिरला ने कृषि विभाग के अधिकारियों से उड़द की फसल के बारे में जानकारी ली।
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