नेता प्रतिपक्ष ने उठाए थे सरकार की मंशा पर सवाल
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने हाल ही नए जिलों की समीक्षा को लेकर राज्य सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने इस विषय पर विचार के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने तक की मांग कर दी है।छोटे जिलों पर संकट
सूत्रों की माने तो कमेटी छोटे जिलों को खत्म करने या फिर मर्ज करने की सिफारिश कर सकती है। पूर्व में कमेटी ने भी छोटे जिलों पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि एक विधानसभा क्षेत्र जितने इलाके को जिला बना दिया, ऐसे तो सभी विधानसभा क्षेत्रों के हिसाब से 200 जिले बनाने पड़ जाएंगे।यूं बदले कमेटी संयोजक
कमेटी को नए बने दूदू को जिला बनाए रखने या समाप्त करने पर फैसला करना है। दूदू के जिला बने रहने पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि राज्य सरकार ने इसी कारण बैरवा की जगह मदन दिलावर को कमेटी का संयोजक बनाया है।इन जिलों में हुआ था विरोध
छोटे जिलों पर संकट की आशंका के बीच सितम्बर में दूदू, सांचोर, गंगापुर सिटी, शाहपुरा और केकड़ी में विरोध-प्रदर्शन और आंदोलन हुए। सांचोर में तो पूर्व मंत्री कांग्रेस नेता सुखराम विश्नोई भूख हड़ताल पर भी बैठे थे।कांग्रेस राज में बनाए गए राजस्थान के इन नए जिलों का ऐसा हाल… भटक रहे ‘लोग’, जानिए वजह
इसी तरह गंगापुर सिटी में कांग्रेस विधायक और विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता रामकेश मीना कलक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठे थे। केकड़ी और शाहपुरा में सामाजिक संगठनों के साथ कई राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने भी विरोध प्रदर्शन करते हुए जिले यथावत रखने की मांग मुख्यमंत्री से की थी। चर्चा है कि भजनलाल सरकार इन जिलों को रद्द कर सकती है।राजस्थान के 17 नए जिलों में से कितने होंगे रद्द? उपचुनाव बाद तस्वीर होगी साफ
इनका कहना है…
नए जिलों की समीक्षा का काम लगभग पूरा हो गया है, एक और बैठक होगी जिसमें सभी की सहमति से रिपोर्ट तैयार अपनी सिफारिश सरकार को भेज देंगे। उसके बाद मुख्यमंत्री इस पर फैसला लेंगे।-मदन दिलावर, संयोजक कैबिनेट सब कमेटी